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मार्च, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मुण्डमाला तन्त्रम | Mundamala Tantram Pdf

   Mundamala Tantram Pdf 'एक प्रमाणिक तंत्र ग्रन्थ हैं।'मुण्डमालातस्त्र' में प्रथम बाद में रसिक मोह को प्रकाशित किया । इसमें प्रथम पटल से घष्ठ पटल में वचनों को अनेक स्थानों पर प्रमाण-रूप में ग्रहण किया गया हैं दशम पटल 'मुण्डमालातन्त्र के किसी वंचनों को प्रमाण-रूप में ग्रहण नहीं किया गया है । ऐसा प्रतीत होता है कि ये दोनों “मुण्डमालातन्तर' प्रकृत अन्य हैं । भगवान्‌ शंकर के पाँच मुण्डों से यह तंत्र प्रकाशित हुआ था । एक मुण्ड के द्वारा जो-जो विषय कहें गयें हैं । दुसरे मुण्ड के द्वारा वह नहीं कहा गया । इस प्रकार पाँच मुण्डो के द्वार पृथक्‌-पृथक्‌ विषय प्रकाशित किये गये हैं । ऐसा प्रतीत होता है कि पहला ग्रन्थ एक मुण्ड के द्वारा कथित हुआ हैं । घष्ठ पटलान्तें 'मुण्डमालातंत्र' के पहले पटल में दश महाविद्यां का नाम एवं विद्या की प्रशंसा का वर्णन किया गया हैं । द्वितीय पटल में अक्षमाला के प्रकार भेद , अक्षमाला का निर्माण एवं संस्कार-पद्धति वर्णित हुई ई हैं । तृतीय पटल में जप एवं पूजा स्थल, प्रशस्त आसन एवं निन्दित आसन तथा चतुर्थ पटल में बलि के भेद, बलिदान की विधि एवं फ...

राम चरित्रमानस के पाठ करने से प्राप्त होने वाले लाभ ।(Shree Ram Priwar)SRP

नमस्कार मित्रों  श्री राम परिवार (Shree Ram Pariwar) में आपका हार्दिक स्वागत करता है। आज की पोस्ट में हम आप सभी लोगों को राम चरित्रमानस के पाठ करने से प्राप्त होने वाले लाभ और साथ ही रामचरित्र मानस की पीडीएफ पुस्तकें भी उपलब्ध करवाएंगे। जिससे कि आप अपने मोबाइल में कहीं पर भी यात्रा के दौरान किसी भी स्थान पर जो है अपने साथ ले जा सकते हो और इसका पाठ कर सकते हो। राम चरित्रमानस के पाठ क्यों करे? ramcharitmanas ke labh रामचरितमानस का पाठ करने से बहुत ही चमत्कारी लाभ आपको देखने को मिलते हैं। श्रीरामचरितमानस के कई एक चमत्कार हैं  राम चरित्र मानस का पाठ जिस भी घर में किया जाता है। उस घर में अकाल मृत्यु नहीं होती है।  जिस घर में रामचरितमानस रखी होती है। वहां कभी भूत, पिशाच, प्रेतों का वास नहीं होता है।   जिस घर में रामायण के पास शाम के समय देशी घी का दीपक जलाया जाता है। उस घर में अन्न की कमी कभी नहीं होती है। जिस घर में रामचरितमानस के पास सुबह शाम गौ माता के घी का दीपक प्रतिदिन जलाया जाता है। उस घर में आरोग्य बढ़ता है। बीमारियां कम होती हैं।  जिस घर में यदि रामचरितमा...

shiv puran se sambandhit sari jankari. - Shreerampriwar SRP

शिव पुराण से सम्बंधित सारी जानकारी शिव पुराण में शिव के कल्याणकारी स्वरूप का तात्त्विक विवेचन, रहस्य, महिमा और उपासना का विस्तृत वर्णन है।  यह संस्कृत भाषा में लिखी गई है। इसमें इन्हें पंचदेवों में प्रधान अनादि सिद्ध परमेश्वर के रूप में स्वीकार किया गया है। शिव-महिमा, लीला-कथाओं के अतिरिक्त इसमें पूजा-पद्धति, अनेक ज्ञानप्रद आख्यान और शिक्षाप्रद कथाओं का सुन्दर संयोजन है।  इसमें भगवान शिव के भव्यतम व्यक्तित्व का गुणगान किया गया है। शिव- जो स्वयंभू हैं, शाश्वत हैं, सर्वोच्च सत्ता है, विश्व चेतना हैं और ब्रह्माण्डीय अस्तित्व के आधार हैं। सभी पुराणों में शिव पुराण को सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण होने का दर्जा प्राप्त है। इसमें भगवान शिव के विविध रूपों, अवतारों, ज्योतिर्लिंगों, भक्तों और भक्ति का विशद् वर्णन किया गया है। 'शिव पुराण' का सम्बन्ध शैव मत से है। इस पुराण में प्रमुख रूप से शिव-भक्ति और शिव-महिमा का प्रचार-प्रसार किया गया है। प्राय: सभी पुराणों में शिव को त्याग, तपस्या, वात्सल्य तथा करुणा की मूर्ति बताया गया है। कहा गया है कि शिव सहज ही प्रसन्न हो जाने वाले एवं मनोव...

श्री लिंग पुराण / लिंग महापुराण pdf book

लिंग पुराण , हिंदुओं के 18 पुराणों में से एक हैं। यह एक शैव प्रधान पुराण है। यह पुराण दो भागों में विभक्त है। 163 अध्यायों में 11 हजार श्लोकों से संयुक्त इस पुराण में शिव की महिमा का विस्तार से वर्णन है। The Shiv Ling Puran or Linga Purana is one of the eighteen Mahapuranas. 1 श्री लिंग पुराण / लिंग महापुराण 2 लिंग पुराण (Ling Puran in Hindi) 3 लिंग शब्द का अर्थ (Meaning of Ling) 4 लिंग पुराण में क्या है? (What is in Ling Puran In Hindi) 5 कथा का आरंभ (Story of Ling Puran) 6 लिंग पुराण का महत्व (Importance of Ling puran in Hindi) 7 लिंग पुराण पीडीफ (Linga Puran PDF Book Hindi free Download नाम लिंग पुराण संबंध ...

होलिका दहन की राख से होने वाले ढेरों फायदे। #SRP01

नमस्कार मित्रों   17 मार्च गुरूवार को फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि है और इसी दिन शाम के समय होलिका दहन (Holika Dahan) किया जाएगा।  अगले दिन सोमवार 18 मार्च को चैत्र महीने की प्रतिपदा तिथि पर होली का त्योहार (Festival of colors Holi) मनाया जाएगा जिसे धुलेंडी भी कहा जाता है। होलिका दहन के साथ ही होलाष्टक भी समाप्त हो जाएगा (Holashtak will end)। होलिका दहन और होली इन दोनों ही त्योहार का धार्मिक महत्व तो है ही, साथ ही ज्योतिष के लिहाज से भी इस दिन को काफी खास माना गया है। होलिका दहन की रात को बहुत सारे टोने टोटके किए जाते हैं। और आज हम आपको भी यहां पर कुछ ऐसे टोने टोटके बताएंगे, जो की होली की राख के द्वारा किए जाते हैं। लेकिन हम यहां पर आपको केवल कुछ अच्छे टोने टोटके ही बताएंगे, वह टोने टोटके हमें आपको नहीं बताएंगे जिनके द्वारा किसी को नुकसान पहुंचाया जा सके। होलिका दहन की राख से होने वाले ढेरों फायदे 1. घर की निगेटिविटी होगी दूर- ऐसी मान्यता है कि होलिका दहन की राख (Holika Dahan Raakh) को घर लाएं और उसमें राई और नमक मिलाकर उसे किसी साफ बर्तन में डालकर घर के किसी शुद्ध स्थ...

होली पर विशेष उपाय व टोटके जो आपके हर कार्य को सिद्ध करेंगे। SRP01

नमस्कार मित्रों    इस पोस्ट में हमने आपको होली के ऊपर कुछ विशेष उपाय और कुछ टोटके उपलब्ध करवाए हैं। जिनके द्वारा आप अपनी बहुत सारी समस्याओं का निवारण कर सकते हो। और आप बहुत सारी चीजें भी प्राप्त कर सकते हो। यह जो टोटके हैं यह बहुत ही सरल है, कोई भी व्यक्ति इनको बहुत ही आसानी से कर सकता है।   इसमें आपका कोई ज्यादा पैसा खर्च नहीं होगा और ना ही कोई ज्यादा सामग्री लगेगी। बहुत ही साधारण पर बहुत ही कारगर टोटके है, जो कि बहुत से लोगों के द्वारा किए गए हैं। और उन्होंने उनके फायदे भी अनुभव किया हैं। आप भी इन्हे कर सकते हैं। सारी जानकारी मैंने आपको वीडियो में दे दी है कोई भी परेशानी आए तो नीचे कमेंट करके आप पूछ सकते हैं आपकी जो भी परेशानी होगी उसका हल में जरूर करूंगा। ये हैं होली के अचूक उपाय व टोटके...  होली की रात सरसों के तेल का चौमुखी दीपक घर के मुख्य द्वार पर लगाएं व उसकी पूजा करें। इसके बाद भगवान से सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें। मान्यता के अनुसार ऐसा करने से हर प्रकार की बाधा का निवारण होता है।  होली पर किसी गर...

होलिका दहन के दिन भूल से भी न करें ये काम, होगा बहुत नुकसान। होलिका दहन मुहूर्त

होलिका दहन के दिन भूल से भी न करें ये काम, होगा बहुत नुकसान... होलिका दहन मुहूर्त होलिका दहन अशुभ हिंदू पंचांग (Panchang) के अनुसार फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि को हर साल होलिका दहन (Holika Dahan) का त्योहार मनाया जाता है और इस बार होलिका दहन 28 मार्च रविवार को है. धर्म शास्त्रों के जानकारों की मानें तो होलिका दहन के दिन होली की पूजा करने से महालक्ष्मी (Goddess Lakshmi) प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है. हालांकि होलिका दहन की रात बहुत से लोग टोने-टोटके (Totka) भी करते हैं जिसकी वजह से कुछ ऐसे काम हैं जो आपको इस दिन बिल्कुल नहीं करने चाहिए वरना इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. इस साल होलिका दहन 17 मार्च दिन गुरुवार को है।17 मार्च को होलिका दहन का मुहूर्त रात 09 बजकर 06 मिनट से रात 10 बजकर 16 मिनट तक है. इस समय में भद्रा की पूंछ रहेगी। ज्योतिषशास्त्र में भद्रा के मुख समय में होलिका दहन अशुभ होता है, लेकिन भद्रा पूंछ में होलिका दहन कर सकते हैं, ऐसे में 17 मार्च को रात 09 बजकर 06 मिनट से होलिका दहन हो सकता है। इस दिन भद्रा का समापन द...

त्राटक साधना के अद्भुत शक्ति। त्राटक साधना pdf

त्राटक का सामान्य अर्थ है 'किसी विशेष दृष्य को टकटकी लगाकर देखना'। मन की चंचलता को शान्त करने के लिये साधक इसे करता है। यह ध्यान की एक विधि है जिसमें किसी वाह्य वस्तु को टकटकी लगाकर देखा जाता है। विधि - त्राटक के लिये किसी भगवान, देवी, देवता, महापुरुष के चित्र, मुर्ति या चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा गोलाकार, चक्राकार, बिन्दु, अग्नि, चन्द्रमा, सूर्य, आदि दृष्य का भी प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए त्राटक केंद्र को अपने से लगभग ३ फीट की दूरी पर अपनी आंखों के बराबर स्तर पर रखकर उसे सामान्य तरीके से लगातार बिना पलक झपकाए जितनी देर तक देख सकें देखें। मन में कोई विचार न आने दें। धीरे धीरे मन शांत होने लगे!  त्राटक द्वारा चक्रों को खोलना त्राटक क्रिया के लाभ | Tratak Kriya ke Labh  नेत्रों के रोग नष्ट होते हैं।  दृष्टि तीव्र होकर दूरदर्शिनी बन जाती है।  तंद्रा, निद्रा व आलस्य दूर भागते हैं ।  चित्तवृत्ति सूक्ष्म लक्ष्य में स्थिर होती है।  एकाग्रता व स्थिरता आती है।  मानसिक शांति प्राप्त होती है।  आँखों के सभी रोग छूट जाते हैं।  ...

स्कन्दपुराण क्या हैं सात में स्कन्दपुराण PDF

स्कन्दपुराण क्या हैं सात में स्कन्दपुराण PDF विभिन्न विषयों के विस्तृत विवेचन की दृष्टि से स्कन्दपुराण सबसे बड़ा पुराण है। भगवान स्कन्द के द्वारा कथित होने के कारण इसका नाम 'स्कन्दपुराण' है। इसमें बद्रिकाश्रम, अयोध्या, जगन्नाथपुरी, रामेश्वर, कन्याकुमारी, प्रभास, द्वारका, काशी, शाकम्भरी, कांची आदि तीर्थों की महिमा; गंगा, नर्मदा, यमुना, सरस्वती आदि नदियों के उद्गम की मनोरथ कथाएँ तथा रामायण, भागवतादि ग्रन्थों का माहात्म्य, विभिन्न महीनों के व्रत-पर्व का माहात्म्य तथा शिवरात्रि, सत्यनारायण आदि व्रत-कथाएँ अत्यन्त रोचक शैली में प्रस्तुत की गयी हैं।  विचित्र कथाओं के माध्यम से भौगोलिक ज्ञान तथा प्राचीन इतिहास की सुुन्दर प्रस्तुति ही इस पुराण की अपनी विशेषता है। आज भी इसमें वर्णित विभिन्न व्रत-त्योहारों के दर्शन भारत के घर-घर में किये जा सकते हैं। इसमें लौकिक और पारलौकिक ज्ञानके अनन्त उपदेश भरे हैं। इसमें धर्म, सदाचार, योग, ज्ञान तथा भक्ति के सुन्दर विवेचनके साथ अनेकों साधु-महात्माओं के सुन्दर चरित्र पिरोये गये हैं। आज भी इसमें वर्णित आचारों, पद्धतियोंके दर्शन हिन्दू समाज के घर-घरमें क...