त्राटक साधना के अद्भुत शक्ति। त्राटक साधना pdf

त्राटक का सामान्य अर्थ है 'किसी विशेष दृष्य को टकटकी लगाकर देखना'। मन की चंचलता को शान्त करने के लिये साधक इसे करता है। यह ध्यान की एक विधि है जिसमें किसी वाह्य वस्तु को टकटकी लगाकर देखा जाता है।

विधि- त्राटक के लिये किसी भगवान, देवी, देवता, महापुरुष के चित्र, मुर्ति या चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा गोलाकार, चक्राकार, बिन्दु, अग्नि, चन्द्रमा, सूर्य, आदि दृष्य का भी प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए त्राटक केंद्र को अपने से लगभग ३ फीट की दूरी पर अपनी आंखों के बराबर स्तर पर रखकर उसे सामान्य तरीके से लगातार बिना पलक झपकाए जितनी देर तक देख सकें देखें। मन में कोई विचार न आने दें। धीरे धीरे मन शांत होने लगे! 

त्राटक द्वारा चक्रों को खोलना


त्राटक क्रिया के लाभ | Tratak Kriya ke Labh

  •  नेत्रों के रोग नष्ट होते हैं।
  •  दृष्टि तीव्र होकर दूरदर्शिनी बन जाती है।
  •  तंद्रा, निद्रा व आलस्य दूर भागते हैं ।
  •  चित्तवृत्ति सूक्ष्म लक्ष्य में स्थिर होती है।
  •  एकाग्रता व स्थिरता आती है।
  •  मानसिक शांति प्राप्त होती है।
  •  आँखों के सभी रोग छूट जाते हैं। 
  •  मन का विचलन खत्म हो जाता है। 
  •  याददाश की समस्या भी दूर होती है। 
  •  दूरदृष्टि बढ़ती है। 
  •  दूसरों के मनोभावों को ज्ञात करने के लिए प्रयोग किया जा सकता है।

इसमें महारथ हासिल करने के बाद आप जिस चीज को देखेंगे, वह आप की ओर चली आएगी, चाहे इंसान हो या फिर कोई वस्तु।

वास्तव इसे सम्मोहन, वशीकरण और कई नामों से पुकारा जाता है। सम्मोहन, वशीकरण का ही एक रूप है त्राटक साधना। इसके जरिए हम अपनी आंखों और मस्तिष्क की शक्तियों को जागृत करके उन्हें इतना प्रभावशाली कर सकते हैं कि मात्र सोचने और देखने भर से ही कोई भी चीज हमारे पास आ जाएगी।  मन की एकाग्रता को प्राप्त करने की अनेकानेक पद्धतियाँ शास्त्र में निहित हैं। इनमें 'त्राटक' उपासना सर्वोपरि है। प्रबल इच्छाशक्ति से साधना करने त्राटक के अभ्यास से अनेक प्रकार की  सिद्धियाँ स्वयमेव आ जाती हैं।त्राटक के द्वारा मन की एकाग्रता, वाणी का प्रभाव व दृष्टि मात्र से उपासक अपने संकल्प को पूर्ण कर लेता है। त्राटक सिद्धि का उपयोग सकारात्मक तथा निरापद कार्यों में करने से त्राटक शक्ति की वृद्धि होने लगती है। दृष्टिमात्र से अग्नि उत्पन्न करने वाले योगियों में भी त्राटक सिद्धि रहती है।



एकाग्रता बढ़ाए-

ऐसी कई एक्टिविटीज हैं, जिनमें एकाग्रता की बहुत ज्यादा जरूरत पड़ती है। लेकिन दैनिक तनाव और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के कारण बहुत से लोग लो कंसन्टे्रशवल लेवल से पीडि़त होते हैं। ऐसे में त्राटक एक मेडिटेशन टेकनीक है, जिसका उपयोग ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को मजबूत करने के लिए किया जाता है। अगर इसे लंबे वक्त तक किया जाए, तो व्यक्तित्व में भी निखार आने लगता है।

नींद में सुधार करे-

नींद न आना जीवन की खराब गुणवत्ता से जुड़ा एक सामान्य विकार है। त्राटक, योग की 6 क्लीनसिंग टेकनीक में से एक है। जिन लोगों को नींद न आने की समस्या है, उन्हें अपने सेाने के तरीके में सुधार के लिए रोजाना नियमित रूप से त्राटक ध्यान करना चाहिए। यह अनिद्रा को दूर करने में मदद करता है।

​तनाव दूर करे-

त्राटक क्रिया अगर आप नियमित तौर पर करते हैं, तो आराम के साथ चित्त भी शांत होता है। ध्यान के दौरान आप अपना ध्यान किसी एक वस्तु पर केंद्रित करना होता है। इससे न केवल मन में चल रही उलझन को दूर करने में मदद मिलती है बल्कि दिमाग भी शांत होता है।

आंखों की रोशनी तेज करे-

अगर आपकी निगाह कमजोर हो गई है, तो यह क्रिया आंखों से जुड़ी बीमारी को रोकने , इलाज करने यहां तक की इसे ठीक करने में भी मदद करती है। त्राटक क्रिया करने से आंखों की मांसपेशी मजबूत होती है और दृष्टि में चमत्कारिक सुधार होता है।
त्राटक करने का तरीका

त्राटक ध्यान को कई तरह से किया जा सकता है, जैसे मोमबत्ती की लॉ या दिपक पर, गोले के बिंदु पर, दर्पण पर।


मोमबत्ती या दिपक की लॉ पर त्राटक
 त्राटक क्रिया का सबसे पुराना और प्रचलित तरीका है दीपक की जलती लौ पर ध्यान लगाना। इसके लिए एक ऐसा कमरा चुनें, जिसमें अंधेरा बहुत हो। कमर सीधी कर दिमाग को शांत करके बैठ जाएं। त्राटक शुरू करने से पहले प्राणायाम करें। अब अपनी नजरों को जलती हुई लौ पर टिका लें। एक मिनट या पांच मिनट तक इसे करें। बाद में आप इसका समय बढ़ा सकते हैं।


त्राटक कब करना चाहिए

विशेषज्ञों के अनुसार सूर्योदय के एक से डेढ़ घंटे पहले का समय त्राटक करने के लिए बहुत अच्छा माना गया है। इस समय माहौल शांत रहता है और दिमाग भी तरोताजा रहता है।
बरतें सावधानी

सावधानी-
  • आँखों में किसी भी प्रकार की तकलीफ हो तो यह क्रिया ना करें। त्राटक के अभ्यास से आँखों और मस्तिष्क में गरमी बढ़ती है,
  • बीमारी के दिनों में त्राटक क्रिया करने से बचें।
  • आंखों का ऑपरेशन हुआ है, तो इसे करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
  • इस क्रिया को करने के बाद आंखों में जलन होने पर आंखों को न ही मलें न ही इन्हें रगड़ें।
  • त्राटक करते समय कोई तकलीफ हो रही हो, तो इसके समय को कम कर दें।


तो अपने मन और शरीर को तनाव मुक्त रखने के लिए त्राटक ध्यान करना शुरू कर दें। कुछ ही समय में ताजगी का अनुभव करेंगे।

त्राटक साधना एक बहुत ही अद्भुत और चमत्कारी साधना है। इससे आपके जीवन में बहुत से बदलाव आते हैं और आपका जीवन बहुत बेहतर बन जाता है। आपकी दिनचर्या अच्छी होती और कई प्रकार के रोगों से भी आप को निजात मिल जाती है।

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