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मई, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

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नमस्कार मित्रों इस पोस्ट में मैं आप सभी लोगों को भगवान देवनारायण से संबंधित जानकारी उपलब्ध करवा रहा हूं और बगड़ावत देवनारायण महागाथा नामक ग्रंथ उपलब्ध करवा रहा हूं। भगवान देवनारायण गुर्जर जाति के आराध्य देव हैं गुर्जर जाति इन्हें अपने आराध्य देव और इष्ट देव के रूप में मानती है। भगवान देवनारायण एक बहुत ही महान योद्धा है और उनके पास अनेक प्रकार की सिद्धियां भी हैं जिनके दम पर उन्होंने जन कल्याण से संबंधित बहुत सारे कार्य किए हैं। भगवान देवनारायण ने अपने सिद्धियों से बहुत सारे लोगों के लाइलाज बीमारियों का इलाज किया यहां तक कि मृत लोगों को भी जीवित करके कई प्रकार के चमत्कारिक कार्य किए हैं। गुजर जाती है भगवान देवनारायण को भगवान विष्णु का अवतार मानती हैं।   परिचय देवनारायण पराक्रमी योद्धा थे जिन्होंने अत्याचारी शासकों के विरूद्ध कई संघर्ष एवं युद्ध किये । वे शासक भी रहे । उन्होंने अनेक सिद्धियाँ प्राप्त की । चमत्कारों के आधार पर धीरे-धीरे वे देव स्वरूप बनते गये एवं अपने इष्टदेव के रूप में पूजे जाने लगे। देवनारायण को विष्णु के अवतार के रूप में गुर्जर समाज द्वारा राजस्थान व दक्षिण-पश्चिम...

हनुमान वायुगमन सिद्धि साधना । हनुमान जी के विशेष साधना । #श्री_राम_परिवार

नमस्कार मित्रों इस पीडीएफ में हम आप सभी लोगों को हनुमान वायु गमन सिद्धि साधना उपलब्ध करवा रहे हैं। यह साधना हमारे चैनल के एक सदस्य रोमिन राज जी के द्वारा प्रदान की गई है, उन्हीं के शब्दों में यह साधना आपको प्रदान कर रहे हैं। आपको नीचे हमारी अन्य पुस्तकें भी देखने को मिलेगी आप उन पुस्तकों को भी प्राप्त कर सकते हैं और अन्य वीडियो को भी उन पर क्लिक करके देख सकते हैं।     सभी को नमस्कार, नमस्ते दोस्तो.... नमस्कार गुरुजी....मैं रोमिन राज बजराचार्य एक बार फिर से एक नई साधना लेकर आया हूं। गुरुजी को और "श्री राम परिवार" देखने वाले सभी दर्शनों को मेरा प्रणाम। मैं विराटनगर सिटी नेपाल से हूं। और गुरुजी आज का जो पोस्ट है वो बहुत ही ज्यादा लजवाब और अतिता मजेदार है क्योंकि मैं जो साधना दे रहा हूं.... वो बहुत सारी पारलौकिक सिद्धियाँ और दिव्य शक्तियाँ प्रप्त हो जाती हैं लेकिन इस साधना को बिशेष रूप से वायुमन सिद्धि की प्राप्ति के लिए ही किया जाता है। पंचमुखी हनुमान (पंचमुखी हनुमान) है। ये एक बहुत ही दुर्लभ और लुप्त और गुप्त साधना की श्रेणी में आता है यानि की बहुत ही दुर्लभ और लुप्त और गुप्त स...

श्री नृसिंह साधना विधि – Shree Ram Priwar

भगवान श्री नृसिंह शक्ति तथा पराक्रम के प्रमुख देवता हैं, पौराणिक मान्यता एवं धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इसी तिथि को भगवान विष्णु ने श्री नृसिंह अवतार लेकर दैत्यों के राजा हिरण्यकशिपु का वध किया था। हिन्दू पंचांग के अनुसार श्री नरसिंह जयंती का व्रत वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को किया जाता है. पुराणों में वर्णित कथाओं के अनुसार इसी पावन दिवस को भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए भगवान विष्णु ने श्री नृसिंह रूप में अवतार लिया तथा दैत्यों का अंत कर धर्म कि रक्षा की. अत: इस कारणवश यह दिन भगवान श्री नृसिंह के जयंती रूप में बड़े ही धूमधाम और हर्सोल्लास के साथ संपूर्ण भारत वर्ष में मनाया जाता है. श्री नरसिंह जयंती कथा | श्री नृसिंह अवतार भगवान विष्णु के प्रमुख अवतारों में से एक है. श्री नरसिंह अवतार में भगवान विष्णु ने आधा मनुष्य व आधा शेर का शरीर धारण करके दैत्यों के राजा हिरण्यकशिपु का वध किया था. धर्म ग्रंथों में भगवान के इस अवतरण के बारे विस्तार पूर्वक विवरण प्राप्त होता है जो इस प्रकार है- प्राचीन काल में कश्यप नामक ऋषि हुए थे उनकी पत्नी का नाम दि...

स्वस्ति वाचन क्या होता है? क्यों किया जाता है इसके क्या लाभ हैं? - (Shree Ram Priwa)

नमस्कार मित्रों मित्रो ं हिंदू धर्म में पूजा पाठ को खास महत्व दिया गया हैं और साथ ही इसके लिए कई सारे नियम भी बनाएं गए हैं चाहे कोई भी पूजा हो, शादी विवाह हो या कोई हवन का आयोजन हो, एक मंत्र आपने जरूर सुना होगा। ' ऊं स्वस्ति न इंद्रो ' इसके मंत्रोजाप के समय पंडित और विद्वान लोग एक अलग ही ऊर्जा के साथ सस्वर पाठ करते सुनाई देते हैं।   स्वस्ति वाचन आपने पूजन में कई बार सुना ही होगा मगर इसका अर्थ आप नहीं जानते होगे। स्वस्ति मंत्र शुभ और शांति के लिए प्रयुक्त होता हैं। स्वस्ति = सु + अस्ति = कल्याण हो। ऐसा माना गया हैं कि इससे ह्रदय और मन मिल जाते हैं स्वस्ति मंत्र का पाठ करने की क्रिया स्वस्तिवाचन कहलाती हैं। यहां पढ़ें स्वस्ति वाचन मंत्र— ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः। स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः। स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः। स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ हिन्दी भावार्थ:   महान कीर्ति वाले इन्द्र हमारा कल्याण करो, विश्व के ज्ञानस्वरूप पूषादेव हमारा कल्याण करो। जिसका हथियार अटूट है ऐसे गरुड़ भगवान हमारा मंगल करो। बृहस्पति हमारा मंगल क...

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भैरवनाथ सिद्धि. भैरव: भैरव भक्त वत्सल है शीघ्र ही सहायता करते है,भरण,पोषण के साथ रक्षा भी करते है। ये शिव के अतिप्रिय तथा माता के लाडले है,इनके आज्ञा के बिना कोई शक्ति उपासना करता है तो उसके पुण्य का हरण कर लेते है कारण दिव्य साधना का अपना एक नियम है जो गुरू परम्परा से आगे बढता है।अगर कोई उदण्डता करे तो वो कृपा प्राप्त नहीं कर पाता है। भैरव सिर्फ शिव और माँ के आज्ञा पर चलते है वे शोधन,निवारण,रक्षण कर भक्त को लाकर भगवती के सन्मुख खड़ा कर देते है।इस जगत में शिव ने जितनी लीलाएं की है उस लीला के ही एक रूप है भैरव।भैरव या किसी भी शक्ति के तीन आचार जरूर होते है,जैसा भक्त वैसा ही आचार का पालन करना पड़ता है।ये भी अगर गुरू परम्परा से मिले वही करना चाहिए।आचार में सात्वीक ध्यान पूजन,राजसिक ध्यान पूजन,तथा तामसिक ध्यान पूजन करना चाहिए।भय का निवारण करते है भैरव। इस जगत में सबसे ज्यादा जीव पर करूणा शिव करते है और शक्ति तो सनातनी माँ है इन दोनो में भेद नहीं है कारण दोनों माता पिता है,इस लिए करूणा,दया जो इनका स्वभाव है वह भैरव जी में विद्यमान है।सृष्टि में आसुरी शक्तियां बहुत उपद्रव करती है,उसमें भी अ...

पुष्प नक्षत्र क्या है? इसके क्या प्रभाव है? इस दिन कौन से कार्य करें और कौन से नए करें? Pushp nakshatra

पुष्य नक्षत्र : पुष्य का अर्थ है पोषण करने वाला, ऊर्जा व शक्ति प्रदान करने वाला. मतान्तर से पुष्य को पुष्प का बिगडा़ रूप मानते हैं। पुष्य का प्राचीन नाम तिष्य शुभ, सुंदर तथा सुख संपदा देने वालाहै। विद्वान इस नक्षत्र को बहुत शुभ और कल्याणकारी मानते हैं। विद्वान इस नक्षत्र का प्रतीक चिह्न गाय का थन मानते हैं। उनके विचार से गाय का दूध पृ्थ्वी लोक का अमृ्त है। पुष्य नक्षत्र गाय के थन से निकले ताजे दूध सरीखा पोषणकारी, लाभप्रद व देह और मन को प्रसन्नता देने वाला होता है। पुष्य को ऋग्वेद में तिष्य अर्थात शुभ या माँगलिक तारा भी कहते हैं। सूर्य जुलाई के तृ्तीय सप्ताह में पुष्य नक्षत्र में गोचर करता है। उस समय यह नक्षत्र पूर्व में उदय होता है। मार्च महीने में रात्रि 9 बजे से 11 बजे तक पुष्य नक्षत्र अपने शिरोबिन्दु पर होता है। पौष मास की पूर्णिमा को चन्द्रमा पुष्य नक्षत्र में रहता है। इस नक्षत्र का स्वामी ग्रह शनि है। साल 2022 में 17 दिन पुष्य नक्षत्र का संयोग होना समृद्धि का संकेत है। इनमें 4 ऐसे संयोग रहेंगे जिनमें दो दिन ये नक्षत्र रहेगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, पुष...