जानकारी पुस्तक का नाम Phala Dipika pdf साइज 876.7 Mb प्रदानकर्ता श्र राम परिवार लेखक Gopesha Kumar Ojha प्रष्ठ 677 प्रकाशन Motilal Banarasidas Varanasi YouTube channel plz subscribe फलदीपिका, मन्त्रेश्वर द्वार रचित भारतीय ज्योतिष का एक प्रमुख ग्रन्थ है। यह संस्कृत में है जिसमें २८ अध्याय तथा कुल ८६५ श्लोक हैं। इसमें मानव जीवन के प्रत्येक पहलू के ज्योतिषीय पक्ष पर विचार किया गया है। अपने मूल रूप में यह ग्रन्थ ग्रन्थ नामक प्राचीन भारतीय लिपि में ही उपलब्ध था और दक्षिण भारत में ही प्रचलित और प्रचारित था। १९२५ के आसपास यह ग्रन्थ सर्वप्रथम नागरी लिपि में कलकाता से प्रकाशित हुआ। फिर तमिल, तेलगु आदि दक्षिण भारतीय भाषाओं में इसके अनुवाद उपलब्ध हुए। इस ग्रन्थ के कतिपय श्लोक वैद्यनाथ कृत जातकपारिजात...
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