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Vishva ki alokik Sadhna book pdf

'मंत्र-तंत्र-यंत्र विज्ञान से संबंधित प्रकाशित होने वाली विश्व की अलौकिक साधनाओं से सम्बन्धित यह अद्वितीय पुस्तक आपके हाथों में है। यह पुस्तक जन साधारण के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण और सहायक है। एक प्रकार से देखा जाय तो यह साधनाओं का खजाना है और इस ग्रंथ का प्रत्येक शब्द साधकों के लिए वरदान स्वरूप है। इसमें साधनाओं की सूक्ष्मता, गोपनीय बारीकियां और सिद्धियां प्राप्त करने हेतु विस्तार से क्रमबद्ध रूप से समझाया गया है। इसमें हर प्रकार के दुर्लभ ज्ञान को जिस सहज और सरल भाषा में प्रस्तुत किया गया है, वह अपने आप में सराहनीय है और इसके माध्यम से साधक साधनाओं के क्षेत्र में पूर्ण सफलता की ओर अग्रसर हो सकेंगे, सिद्धियां प्राप्त कर सकेंगे और जीवन में पूर्णता प्राप्त हो सकेगी। Vishva ki alokik Sadhna साधना के पथ पर न तो कोई पुरुष होता है और न कोई स्त्री, वह एक सम्पूर्ण साधक होता है और फिर साधना की यात्रा शून्य से आरम्भ होकर पूर्णता प्राप्ति तक पहुंचती है, क्योंकि उसका अंतिम पड़ाव साधना की पूर्णता है। इसमें ऐसी साधनाएं हैं, जिन्हें सामान्य गृहस्थ स्त्री-पुरुष कोई भी सम्पन्न कर सकता है, उसे न बहुत...

Hanuman Siddhi PDF download.

॥ॐ हनुमते नमः मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम् वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्री रामदूतं शरणं प्रपये स्वामी से बड़ा सेवक और भगवान से कहीं अधिक भक्त की महिमा और प्रभाव होता है इस तथ्य का सर्वाधिक उपयुक्त उदाहरण भगवान श्री रामचंद्र जी के परम प्रिय भक्त और अनन्य सेवक महावीर हनुमान से बेहतर कहीं नहीं मिल सकता है कलियुग के देवता के रूप में सर्व पूज्य और शीघ्र ही भक्तों पर प्रसन्न हो जाने वाले बजरंगबली की बुद्धि, चातुर्य, विद्या, अतुलित बल पराक्रम, शक्ति और सिद्धियों के समक्ष सारा जगत शीश नवाता है। मित्रों अजर-अमर, अखण्ड चारी, पवन पुत्र रूद्रावतार, अंजनि नंदन इत्यादि विभिन्न नामों से प्रसिद्ध प्रबल वीर और पराक्रमी श्री हनुमान जी की महिमा सर्वविदित है कलियुग में हनुमान जी सर्वाधिक शक्तिशाली उपास्य देव हैं ये शक्ति के महासागर और साहस के प्रतीक हैं। आजन्म ब्रह्मचारी श्री हनुमान जी वानर वंश के होते हुए भी सर्व समर्थ देव हैं। इन्हें भगवान भोलेनाथ शिवशंकर काही अंशावतार माना गया है। श्री हनुमान जी वेदवेदांग ज्योतिष, योग, व्याकरण, तंत्र-मंत्र-यंत्र, संगीत, आध्यात्म और मल्लविद्या के ...

रावण संहिता पुस्तक pdf || Ravan Samhita PDF download

वह राक्षस था—रक्ष संस्कृति का रक्षक... विश्व को जीतना चाहता था वह! देव उसके बंदी थे, उसने अपने बाहुबल से तीनों लोकों पर विजय पा ली थी। वह परम विद्वान था... ज्ञाता था अंग- उपांगों सहित चारों वेदों का। फिर भी दुष्कर्मों में प्रवृत्त हुआ। अभिमान ने भटका दिया उसे या फिर जब विजय की मूर्च्छा टूटी तब तक काफी आगे बढ़ चुका था वह- पीछे जाना असंभव था। राम के हाथों मृत्यु को वरण किया—यह समझदारी थी उसकी। शस्त्र-शास्त्र ज्ञाता लंकाधिपति रावण के जीवन में उतार-चढ़ाव की अनूठी गाथा है इस ग्रंथ में। शिवोपासक दशकंधर, अजेय, राक्षसराज, महान योद्धा, वेदांतविग्रह, लंकाधिपति, शासक, देव-मुनि विरोधी, मायावी, तंत्र-मंत्र के परम ज्ञाता, औषध विज्ञान के रहस्यों के जानकार, दैवज्ञ रावण के जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं की झलक । रावण ऋषि पुत्र था। वह पुलस्त्य का पोता था और विश्रवा का पुत्र । उसकी मां राक्षसराज सुमाली की बेटी थी। राक्षस गुह्य विद्याओं के जानकार थे। वे जानते थे कि ऋषि वीर्य को किस विशिष्ट काल में धारण कराने पर राक्षसों के हितों का साधक जन्म लेगा। उसी समय कैकसी ने विश्रवा से प्रणय-याचना की थी। रावण और कुंभकर्ण ...