सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Kakchandishwar Kalpa Tantram

 काकचण्डीश्वर तंत्र


 नमस्कार मित्रों


Kakchandishwar Kalpa Tantram

इस पोस्ट में आप सभी को काकचण्डीश्वर तंत्र नामक पुस्तक उपलब्ध करवा रहे है इस पुस्तक में सभी प्रकार की तांत्रिक और रहस्यमय जड़ी बूटियों के बारे पता चलेगा। जीने आप लोक कल्याण के लिए काम में ले सकते है। इस पुस्तक में आपको ऐसी ऐसी जड़ी बूटियों के बारे में देखने को मिलेगा जिनके बारे में अपने अभी तक कभी नही सुना होगा। ये जड़ी बूटियों बहुत ही शक्तिशाली और चमत्कारी है इनका उपयोग बहुत सी विशेष तथा गुप्त साधनों में किया जाता हैं। इनका मिलना भी बहुत कटिन होता है। लेकिन अगर आपको कभी इनमे से कोई जड़ी बूटिया मिल जाए तो कृपया उनका दुरूपयोग कभी न करे।
हमारी पोस्ट अच्छी लगे तो कृपया हमें यूट्यूब पर भी सहयोग प्रदान करें।


जानकारी
पुस्तक का नाम Kakchandishwar Kalpa Tantram
साइज 16.5 Mb
प्रदानकर्ता श्री राम परिवार
लेखक -
प्रष्ठ 110
प्रकाशन Choakhambha Sanskrit Prkashan
YouTube channel plz subscribe


आप सभी से एक निवेदन है कृपया करके किसी भी साधना का गलत उपयोग मत कीजिएगा अगर आप किसी भी प्रयोग अथवा साधना का गलत प्रयोग करते हैं और आपके साथ अगर कोई हानि होती है तो उसके जिम्मेदार हम बिल्कुल भी नहीं होंगे तो सोच समझकर ही किसी भी साधना या प्रयोग को उपयोग में लीजिएगा।


किताब में दी गई किसी भी विधि को अगर आप करते हैं आपके साथ कोई घटना घटती है तो उसके जिम्मेदार हम नहीं होंगे तो कृपया सोच समझकर ही कोई कार्य को कीजिए और गुरु की साधना में आवश्कता होती है तो कृपया करके अपने गुरु से जरूर संपर्क किया कीजिएगा।
अगर आपको हमारा कार्य अच्छा लग रहा है तो कृपया हमारे चैनल को सब्सक्राइब करके हमें सहयोग प्रदान करें।

आप हमसे हमारे फेसबुक ग्रुप और टेलीग्राम ग्रुप में जुड़ सकते हैं। और हमारे ब्लॉग से जुड़ कर भी हमें सहयोग प्रदान कर सकते हो।


फेसबुक ग्रुप - https://www.facebook.com/groups/715119132723959

टेलीग्राम ग्रप - https://t.me/shreerampriwar

हमरा blog - https://shreerampariwar.blogspot.com

अगर आपको हमारा कार्य अच्छा लग रहा है तो हमें सहयोग प्रदान करें और जो भी वीडियो देखे उसे कृपा करके पूरा देखें।

पुस्तक - Download

पासवर्ड - Password

अगर अभी तक आपने हमारे चैनल को सब्सक्राइब नहीं किया तो कृपया करके सब्सक्राइब करें।

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

🌹🏵️ जय मां भवानी

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

शिव स्वरोदय पुस्तक PDF बिल्कुल फ्री

नमस्कार मित्रों इस पोस्ट में हम आप सभी को शिव स्वरोदय नामक पुस्तक उपलब्ध करवा रहे हैं। यह पुस्तक माता पार्वती और भगवान शिव के संवाद के रूप में आपको देखने को मिलेगी।इसके अंदर भगवान शिव ने माता पार्वती को स्वरोदय के बारे में बताया है उसके महत्व के बारे में भगवान ने बताया है। शिव स्वरोदय पुस्तक में आपको स्वर से संबंधित बहुत जानकारी देखने को मिलेगी स्वर से संबंधित सारी जानकारी हमने आपको एक अन्य पोस्ट में उपलब्ध करवा रखी।  Also Read शिव स्वरोदय क्या हैं। शिव स्वरोदय पुस्तक में आपको स्वर से संबंधित सभी प्रकार की चीजें, सभी प्रकार के रोगों का निदान और बहुत से तांत्रिक प्रयोग भी देखने को मिलेंगे बहुत से ऐसे प्रयोग देखने को मिलेंगे जिनको आप स्वरोदय के माध्यम से दूर कर सकते हैं। स्वरोदय पुस्तक बहुत ही बड़ा आधुनिक विज्ञान है जो कि आपको आज हम इस पोस्ट में उपलब्ध करवा रहे है। 🙏‍ देखिए इस तरीके के बहुत से ग्रंथ हैं जो कि आज के आधुनिक विज्ञान से भी बहुत ज्यादा आधुनिक है उन ग्रंथों में आपको ऐसे ऐसी जानकारी देखने को मिलेगी जो कि आज के वैज्ञ...

सचित्र आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों की पुस्तक || ayurvedic Jadi buti book pdf

आयुर्वेद शब्द का अर्थ क्या है? आयुर्वेद ( = आयुः + वेद ; शाब्दिक अर्थ : 'आयु का वेद' या 'दीर्घायु का विज्ञान' एक मुख्य और सबसे श्रेष्ठ चिकित्सा प्रणाली है जिसकी जड़ें भारतीय उपमहाद्वीप में हैं। भारत, नेपाल और श्रीलंका में आयुर्वेद का अत्यधिक प्रचलन है, जहाँ लगभग 70 प्रतिशत जनसंख्या इसका उपयोग करती है। आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। आयुर्वेद, भारतीय आयुर्विज्ञान है। आयुर्विज्ञान, विज्ञान की वह शाखा है जिसका सम्बन्ध मानव शरीर को निरोग रखने, रोग हो जाने पर रोग से मुक्त करने अथवा उसका शमन करने तथा आयु बढ़ाने से है। आयुर्वेद के अंग धन्वन्तरि आयुर्वेद के देवता हैं। वे विष्णु के अवतार माने जाते हैं। हिताहितं सुखं दुःखमायुस्तस्य हिताहितम्। मानं च तच्च यत्रोक्तमायुर्वेदः स उच्यते॥  आयुर्वेद के ग्रन्थ तीन शारीरिक दोषों (त्रिदोष = वात, पित्त, कफ) के असंतुलन को रोग का कारण मानते हैं और समदोष की स्थिति को आरोग्य।  आयुर्वेद को त्रिस्कन्ध (तीन कन्धों वाला) अथवा त्रिसूत्र भी कहा जाता है, ये तीन स्कन्ध अथवा त्रिसूत्र हैं - हेतु , लिंग , औषध।  इसी प्रकार स...

शाबर मंत्र सागर भाग-२ पुस्तक PDF Download

    दो शब्द बनुश्रुति हैं कि कलिकाल के पारम्भ में भूतभावन भगवान शंकर ने प्राचीन ' मंत्र, तंत्र, शास्त्र के सभी मंत्रों तथा तंत्रो को रस दृष्टि से कील दिया कि कलियुग के अविचारी मनुष्य उनका दुरुपयोग न करने लगें ।  महामंत्र गायत्री भी विभिन्न ऋषियों द्वारा शाप ग्रस्त हुआ तथा उसके लिए भी उत्कीलन की विधि स्वीकृत की गयी। अन्य मंत्रों तथा तंत्रो के लिए भी उत्कीलन की विधियाँ निर्धारित की गई हैं । जब तक उन विधियों का प्रयोग नहीं किया जाता, तब तक कोई भी मंत्र प्रभावकारी नहीं होता । शास्त्रीय-मन्त्रों की उप्कीलन विधियों का वर्णन मन्त्र शास्त्रीय ग्रन्थों में पाया जाता हैं उनका ज्ञान संस्कृत भाषा के जानकार हो प्राप्त कर पातेते हैं।  शास्त्रीय-मन्त्रों के कीलित हो जाने पर लोक-हिर्तयी सिद्ध-पुरुषों ने जन-कल्याणा्थ समय-समय पर लोक-भाषा के मंत्रों की रचना की । इन मन्त्रों को ही "शाबर मंत्र" कहा जाता हैं । "शाबर मंत्र तंत्र लोक भाषाओं में पाये जाते हैं और उनकी साधन तथा प्रयोग विधि भी अपेक्षाकृत अधिक सरल होती हैं, साथ ही प्रभाव में भी प्राचीन शास्त्रीय मन्त्रों से स्पर्धा...