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Maa Kali Sadhana aur Pooja Vidhi – Ek Sampoorna Margdarshak Granth

माँ काली साधना और पूजा पर आधारित एक अनुपम ग्रंथ — एक साधक के लिए शक्ति, भक्ति और मार्गदर्शन का स्रोत 🔱 "माँ स्वयं मार्ग दिखाती हैं, लेकिन साधक को चलना पड़ता है। यह ग्रंथ आपका पहला क़दम है।" 🔱 भारत की प्राचीन अध्यात्म परंपरा में माँ काली का स्थान अत्यंत विशिष्ट और प्रभावशाली है। वे केवल विनाश की देवी नहीं हैं, बल्कि जीवन के अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाली आदिशक्ति हैं। वे समय की सीमा से परे हैं — ‘काल’ से भी परे, इसीलिए वे 'काली' हैं। उनकी साधना अत्यंत गूढ़, रहस्यमयी और शक्तिशाली मानी जाती है। परंतु आज के युग में माँ काली की वास्तविक साधना विधियों और पूजा-पद्धतियों की जानकारी बहुत सीमित और बिखरी हुई है। कई लोग तंत्र-मंत्र के नाम पर भ्रमित हो जाते हैं या फिर अपूर्ण जानकारी के कारण गलत दिशा में चले जाते हैं। ऐसे समय में एक ऐसा ग्रंथ जो पूर्ण, प्रामाणिक और सरल भाषा में माँ काली की साधना और पूजा से जुड़ी जानकारी देता हो — किसी वरदान से कम नहीं। यही सोचकर हम आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं: "माँ काली की साधना और पूजा विधि" – एक विशेष पुस्तक जो हर भक्त ...

Har Vrat Ke Niyam Ek Book Mein | Vrat Rules Full Guide in Hindi

सभी व्रतों के सही नियम और विधि: क्यों ज़रूरी है एक पुस्तक से पूरा मार्गदर्शन? भूमिका: क्यों आवश्यक हैं व्रत के शास्त्रीय नियम? हिंदू धर्म में व्रत रखना न केवल धार्मिक परंपरा है, बल्कि आत्मशुद्धि, संयम और आत्मसंयम का भी अभ्यास है। व्रत से संबंधित शास्त्रीय नियमों और विधियों का पालन करने से ही व्रत का संपूर्ण फल मिलता है। अगर व्रत के दौरान कोई नियम छूट जाए या विधि अधूरी रह जाए तो साधक को अपेक्षित पुण्य और मानसिक शांति नहीं मिलती। व्रत के सही नियम क्यों हैं ज़रूरी? संपूर्ण लाभ: सही विधि से किया गया व्रत मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक लाभ देता है। पुण्य की प्राप्ति: अनियमित या अधूरे व्रत से व्रती को फल नहीं मिलता। सकारात्मक जीवन: नियमपूर्वक उपवास व्यक्ति के व्यवहार, दिनचर्या और सोच को बेहतर बनाता है। व्रत के कुछ प्रमुख नियम और सावधानियाँ व्रत का संकल्प विधिवत और शुभ मुहूर्त में करें। दिनभरशुद्धता, संयम, क्षमा, दया, सत्य का पालन करें। तली-भुनी वस्तुएं, मद्य, मांस, अन्न-जल आदि का संयमपूर्वक त्याग करें। पूजा विधि, मंत्र, कथा व पाठ का स्मरण आवश्यक है। दिन में सोना, असत्य बोलना, चोरी, छल-कपट से ...

Gupta Sadhana Tantra: एक रहस्यमयी तांत्रिक ग्रंथ की गहराइयों में प्रवेश

Gupta Sadhana Tantra: एक रहस्यमयी तांत्रिक ग्रंथ की गहराइयों में प्रवेश भारत की आध्यात्मिक धरोहर में तंत्र का स्थान अत्यंत गूढ़ और प्रभावशाली है। जहाँ एक ओर वेद और उपनिषद ब्रह्मज्ञान के पथ को प्रशस्त करते हैं, वहीं दूसरी ओर तंत्र मार्ग, शक्ति और साधना की रहस्यमयी प्रक्रियाओं से आत्मोन्नति का मार्ग दिखाता है। इसी तंत्र परंपरा के अंतर्गत एक अत्यंत दुर्लभ और गोपनीय ग्रंथ है – “Gupta Sadhana Tantra” । यह पुस्तक उन साधकों के लिए है जो तांत्रिक साधना के गंभीर, गूढ़ और कभी-कभी खतरनाक पड़ावों को पार कर स्वयं को जागृत करना चाहते हैं। 📖 पुस्तक का स्वरूप और महत्व “Gupta Sadhana Tantra” का नाम ही अपने आप में रहस्य, गोपनीयता और शक्ति का बोध कराता है। ‘गुप्त’ शब्द यह इंगित करता है कि इसमें वर्णित साधनाएं सामान्य जन के लिए नहीं हैं, बल्कि वे केवल उन साधकों के लिए हैं जो आत्मिक दृष्टि से तैयार हैं और जिन्होंने गुरु से दीक्षा प्राप्त की हो। यह पुस्तक न केवल साधनाओं का विवरण देती है, बल्कि उनकी पद्धति, प्रक्रिया, उद्देश्य और संभावित जोखिमों को भी उजागर करती है। यह ग्रंथ एक प्रकार से साधना मार्ग की एक ...

Gupta Sadhana Tantra book pdf download

Gupta Sadhana Tantra: एक रहस्यमयी तांत्रिक ग्रंथ की गहराइयों में प्रवेश भारत की आध्यात्मिक धरोहर में तंत्र का स्थान अत्यंत गूढ़ और प्रभावशाली है। जहाँ एक ओर वेद और उपनिषद ब्रह्मज्ञान के पथ को प्रशस्त करते हैं, वहीं दूसरी ओर तंत्र मार्ग, शक्ति और साधना की रहस्यमयी प्रक्रियाओं से आत्मोन्नति का मार्ग दिखाता है। इसी तंत्र परंपरा के अंतर्गत एक अत्यंत दुर्लभ और गोपनीय ग्रंथ है – “Gupta Sadhana Tantra” । यह पुस्तक उन साधकों के लिए है जो तांत्रिक साधना के गंभीर, गूढ़ और कभी-कभी खतरनाक पड़ावों को पार कर स्वयं को जागृत करना चाहते हैं। 📖 पुस्तक का स्वरूप और महत्व “Gupta Sadhana Tantra” का नाम ही अपने आप में रहस्य, गोपनीयता और शक्ति का बोध कराता है। ‘गुप्त’ शब्द यह इंगित करता है कि इसमें वर्णित साधनाएं सामान्य जन के लिए नहीं हैं, बल्कि वे केवल उन साधकों के लिए हैं जो आत्मिक दृष्टि से तैयार हैं और जिन्होंने गुरु से दीक्षा प्राप्त की हो। यह पुस्तक न केवल साधनाओं का विवरण देती है, बल्कि उनकी पद्धति, प्रक्रिया, उद्देश्य और संभावित जोखिमों को भी उजागर करती है। यह ग्रंथ एक प्रकार से साधना मार्ग की एक ...

Brihat Parashar Hora Shastra book pdf

होरा शास्त्र: ज्योतिष का महत्वपूर्ण अंग भारतीय ज्योतिष शास्त्र अत्यंत विस्तृत और गूढ़ है, जिसमें व्यक्ति के जीवन से जुड़ी अनेक गूढ़ताओं का विवेचन किया गया है। इस शास्त्र को मुख्यतः तीन भागों में विभाजित किया गया है — संहिता, सिद्धांत और होरा। इन तीनों में से "होरा शास्त्र" वह अंग है जो व्यक्ति के जीवन के दैनिक, वार्षिक और संपूर्ण काल चक्र के फलादेश से संबंधित है। होरा शास्त्र की परिभाषा "होरा" शब्द संस्कृत से लिया गया है, जो "अहोरात्र" (अह: दिन और रात्रि) से बना है। अहोरात्र से ‘अ’ और ‘त्रि’ हटाने पर "होरा" शब्द बनता है। इसका अर्थ होता है — समय की वह इकाई जिससे किसी घटना या फल का पूर्वानुमान किया जा सके। होरा शास्त्र का महत्व होरा शास्त्र विशेष रूप से फलित ज्योतिष से संबंधित होता है। यह जन्म कुंडली, ग्रहों की स्थिति, नक्षत्र, राशि, दशा और गोचर के माध्यम से मनुष्य के जीवन में घटित होने वाली घटनाओं का विश्लेषण करता है। इसके माध्यम से जातक के जीवन में आने वाली बाधाओं, शुभ-अशुभ समय, विवाह, संतान, स्वास्थ्य, नौकरी, व्यापार आदि की जानकारी प्राप्त ...

होली के प्रयोग

नमस्कार होली का पावन पर्व आने वाला है और होली के ऊपर कई सारी प्रयोग किए जाते हैं हम भी आपको कुछ उपाय प्रदान कर रहे हैं जिनको करके आप अपनी परेशानियों को दूर कर सकते हो अपने व्यापार या जीवन में आ रही दिक्कतों से निजात पा सकते हो।  राहु के 2 विशेष उपाय  एक नारियल का गोला लेकर उसको ऊपर से काटकर उसमें अलसी का तेल भरें। उसी में थोडा सा गुड डाले। फिर उस नारियल के गोले को अपने शरीर के अंगों से स्पर्श कराकर जलती हुई होलिका में डाल दे। आगामी पूरे वर्ष भर राहू परेशान नहीं करेगा। अलसी के तेल में सेब फल को भिगोकर उसमें राहु ग्रस्त व्यक्ति अपनी उम्र/आयु अनुसार उतने ही लॉन्ग लगायें। फिर उस सेब को हाथ में लेकर जलती हुई होली की चार परिक्रमा लगाएं और इष्ट देवता का नाम स्मरण करते हुए.राहू मुक्ति की प्रार्थना करते हुए उसी जलती हुई होली में डाल दे। अन्य उपाय  होली की पूजा मुखयतः भगवान विष्णु (नरसिंह अवतार) की कृपा प्राप्त करने, ढोंढा नामक राक्षसी का नाश करने, काम का दहन करने के उद्देश्य से की जाती है ।  घर के प्रत्येक सदस्य को होलिका दहन में देशी घी में भिगोई हुई दो लौंग, एक बताशा और एक ...