इस पोस्ट में हमने आपको आकाश बारोट सर्व तंत्र नामक पुस्तक उपलब्ध करवाइए उससे संबंधित जो खाता है वह भी हमने आपको बताइए तो कृपया इसे ध्यान से पढ़े और पुस्तक नीचे उपलब्ध करा दी गई है । भगवान विष्णु समय-समय पर धर्म की रक्षा के लिए विभिन्न अवतार लेते रहते हैं। और उन्हीं में से एक अवतार है नरसिंह जो उन्होंने हिरण्यकश्यपु के वक्त और प्रहलाद की रक्षा के लिए लिया था। लेकिन हिरण्यकश्यपु के वध के पश्चात उनमें अहं भाव आ गया था और उनका क्रोध जो थ वह चरम सीमा पर था। इसलिए उनका क्रोध शांत होने की जगह और भी बढ़ गया और इसे देखकर हर तरफ प्रलय का नाच होने लगा है जो कि आप आगे विस्तार से देख सकते हैं। लिंगपुराण के १६ वे अध्याय में शरभरूप शिव का नृसिंह रूप विष्णु को परास्त करने की कथा बड़ी विचित्र है। हिरण्यकश्यपु का वध करके विष्णुरूप नरसिंह भयंकर गर्जना करने लगे ।उनकी भयंकर गर्जना के घोर शब्द से ब्रह्मलोक पर्यन्त सब लोक कांप उठे । लिब सिद्ध, साध्य, ब्रह्मा, इन्द्र आदि देवता भी अपने अपने प्राण बचाने के लिये भयभीत हो भागे । वे लोकालोक पर्वत के शिखरपर से अति विनम्र भाव से नृसिंह जी की...
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