श्री राम परिवार (Shree Ram Pariwar) में आपका हार्दिक स्वागत करता है। इस पोस्ट में आपको असली प्राचीन लाल किताब के बारे में जानने को मिलेगा।
बहुत से लोग असली प्राचीन लाल किताब को प्राप्त करना चाहते थे और उन्हें उचित किताब प्राप्त नहीं हो पा रही थी हम आप सभी लोगों को असली प्राचीन लाल किताब उपलब्ध करा रहे हैं हो सके तो आप इस पोस्ट को आगे भी शेयर कीजिएगा। जिससे कि जरूरतमंद लोगों तक यह पोस्ट हो सके अगर आपको किसी विशेष विषय पर पोस्ट चाहिए तो आप हमें नीचे कमेंट कर सकते हैं।
समाज में फैले भ्रम
लाल किताब के बारे में बहुत सारे ब्रह्म समाज में फैले हुए हैं कुछ लोग इसे अरब का विद्या मानते हैं तो कुछ लोग इसे हिमालय की विद्या तो कुछ लोग इसे किसी और रूप में मानते हैं। आपको इस पोस्ट में इन सभी चीजों के उत्तर देखने को मिल जाएंगे।
हिमालय की विद्या
लाल किताब की जो ज्ञान है वह पहले हिमालय के सुदूर क्षेत्रों में फैला हुआ था बाद में यह विद्या पंजाब और उससे धीरे-धीरे अफगानिस्तान तक फैल गई। इस कारण से कुछ लोग इसे फारसी या अरबी विद्या भी मानने लग गए।
क्या लाल किताब को अरुण संहिता से बनाया गया है।
कुछ लोगों का यह भी मानना है कि लाल किताब को अरुण संहिता से बनाया गया है,उन लोगों का मानना है कि लाल किताब को अरुण संहिता के आधार पर ही लिखा गया है। और कुछ लोगों का यह भी मानना है कि जो रावण संहिता है उसी पर उसी से रावण ने अपनी रावण संहिता लिखी थी लेकिन इस बात में कितनी सत्यता है। इसकी जानकारी किसी को नहीं है।
क्या लाल किताब का निर्माण पराशर संहिता से हुआ है।
कुछ लोगों का मानना है कि लाल किताब को पराशर संहिता के सिद्धांतों के अनुसार ही बनाया गया है , वैसे अगर देखा जाए तो पराशर संहिता को आप ज्योतिष का सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ मान सकते हैं।
आखिरकार किसने लाल किताब को लिखा।
इसके रचयिता का नाम तो अज्ञात है लेकिन इसे पंजाब के पंडित रूपचंद जोशी ने सर्वप्रथम प्रकाशित किया था। उन्होंने इसका पहला संस्करण 1939 में प्रकाशित किया था क्योंकि उस समय पंजाब की सरकारी भाषा उर्दू थी इसी कारण उन्होंने इस किताब को उर्दू में लिखा था। इसी कारण से आप इस पुस्तक में कुछ मशहूर फारसी और अरबी शब्दों को देख सकते हो, जिस कारण कुछ लोगों ने इसे फारसी विद्या या अरब क विद्या मान ली।
लाल किताब के संस्करण और प्रश्नों की संख्या मैं बदलाव -
- प्रथम संस्करण 1939 = 383 पृष्ठ
- द्वितीय संस्करण 1940 = 156 पृष्ठ
- तृतीय संस्करण 1941 = 428 पृष्ठ
- चौथा संस्करण 1942 = 383 पृष्ठ
- पांचवां संस्करण 1952 = 1152 पृष्ठ
1939 में प्रथम संस्करण पंडित रूपचंद जोशी के द्वारा प्रकाशित किया गया था। बाद में एक और नया संस्करण को 1940 में प्रकाशित किया गया जिसमें 156 पृष्ठ थे। इसके बाद 1941 में तीसरा संस्करण प्रकाशित किया गया जिसमें पुराने और नए सभी जानकारी को इकट्ठा करके 428 पृष्ठ थे। इसके बाद 1942 मैं एक और नया संस्करण प्रकाशित किया गया जिसमें 383 पन्ने थे। इस पुस्तक का सबसे अंतिम संस्करण 1952 में प्रकाशित किया गया और इसे इस बुक का सबसे अंतिम संस्करण माना जाता है जिसमें कि 1152 पृष्ठ थे।
प्राचीन काल की भविष्यवाणियां।
कुछ कथाओं के अनुसार यह माना जाता है कि " प्राचीन काल में आकाश से भविष्यवाणी होती थी कि तुम ऐसा करो तो मैं यह लाभ होगा अगर तुम कोई गलत कर्म करोगे तो तुम्हें उसकी सजा होगी क्योंकि हमारे पास उसका सारा लेखा-जोखा रखा है" और सभी मनुष्य उन भविष्यवाणी को मानते हैं और उन्हीं के अनुरूप कार्य किया करते थे और जो लोग अपने आने वाले पीढ़ियों को इसका ज्ञान देती थी और उन सभी भविष्यवाणियों को याद रखती थी। कुछ समझदार व्यक्तियों ने इन भविष्यवाणियों को लिपिबद्ध किया और माना जाता है कि उन सभी भविष्यवाणियों का संग्रह ही लाल किताब हैं।
ज्योतिष के अलावा भी बहुत कुछ
लाल किताब में आपको ज्योतिष से संबंधित सभी उपाय देखने को मिलेंगे और आपको इसमें ज्योतिष के अलावा और भी बहुत सारी विद्याओं के बारे में देखने को मिलेगा। आपको इसमें वास्तु शास्त्र का ज्ञान भी देखने को मिलेगा। इस पुस्तक का संबंध सामुद्रिक ज्ञान , हस्त रेखा ज्ञान , वास्तु शास्त्र , काल नियम , नाड़ी शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र से हैं। और भी कई तरीके के अन्य उपाय आपको इसमें देखने को मिल जाएंगे।
पूर्व जन्मों का ज्ञान
लाल किताब के जरिए व्यक्ति के पूर्व जन्मों के कर्मों के बारे में भी जाना जा सकता है और आपको इसके द्वारा अपने भविष्य के बारे में पता चल सकता है। लाल किताब में हर ग्रह के बारे में बताया गया है , कि किस तरीके से वह व्यक्ति के ऊपर असर डालता है क्या उसके लाभ होते हैं और क्या उसके दुष्परिणाम होते हैं। और लाल किताब में यह भी बताया गया है कि - किस तरीके से आप यह जान सकते हैं कि व्यक्ति के कौन से ग्रह अच्छे चल रहे हैं और कौन से खराब। आपको ग्रहों से जुड़ी हुई और निशानी लाल किताब में देखने को मिल जाएगी।
हर विषय का ज्ञान
लाल किताब में आपको वास्तु शास्त्र का ज्ञान में मिलेगा जिसके जरिए आप अपने घर का वास्तु जान सकते हैं और उसे ठीक भी कर सकते हैं।आपको लाल किताब में हस्त रेखा ज्ञान भी देखने को मिलेगा जिससे कि व्यक्ति के जीवन में आने वाली परेशानियों के बारे में आपको पता चल सकता है। और आपको लाल किताब में नाड़ी शास्त्र के बारे में भी जानने को मिलेगा जिससे कि आप होने वाली बीमारियों के बारे में भी जान पाओगे।
हर धर्म में है लाल कि
आप अन्य धर्मों में हर तरह की परेशानियों से उपाय देखने को मिल जाएंगे जो कि प्राचीन काल से उन धर्मों में मानते आए हैं और इन सभी के संग्रह को लाल किताब कहा जाता है और आप कह सकते हो कि हर धर्म में एक तरीके से उनके एक लाल किताब होती है जिसमें उनके वह सभी उपाय लिखे होते हैं जिनसे आप परेशानियों से छुटकारा पा सकते हो जो कि उनके धर्म के अनुरूप होते हैं। यह सभी उपाय विभिन्न धर्मों में विभिन्न तरीके के हो सकते हैं।।
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Shree Ram Pariwar , SRP
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