तंत्र का महाशास्त्र विज्ञान भैरव तंत्र (Shree Ram Pariwar)
सदियों से भारत जगत् का आध्यात्मिक गुरु रहा है। आज भी भारत से अन्य देशों में आध्यात्मिकता का प्रसार हो रहा है। भारत की आध्यात्मिकता परम्परागत है और सदा अवाधित रही है। इप परम्परा में तंत्रशास्त्र का विशिष्ट और सर्वोच्च स्थान है क्योंकि अध्यात्म के अन्तिम लक्ष्य के स्वरूप और अनुभव का ज्ञान तथा उसको प्राप्त कराने वाले उपायों और प्रक्रियाओं की जानकारी उसमें मिलती है। आजकल देश-विदेश में शांति और सत्य की खोज करने वाले लोगों में तंत्रशास्त्र के प्रति रुचि बढ़ रही है किन्तु दुर्भाग्य से इस महत्त्वपूर्ण शास्त्र को गलत समझकर कुछ व्यक्ति गुरु बन बैठे हैं, तंत्र सिखाते हैं और तंत्र के बारे में पुस्तकें भी लिखते हैं। इससे अध्यात्म-जगत् के जिज्ञासुओं की बड़ी हानि हो रही है। वे तंत्रशास्त्र के रहस्यमय यौगिक उपायों के सच्चे ज्ञान से वंचित हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में तांत्रिक शैवदर्शन की योगपद्धति के वास्तविक स्वरूप को सम- झानेवाले प्रामाणिक एवं प्राचीन ग्रंथों का व्याख्या सहित प्रकाशन अत्यन्त आवश्यक हो गया है। अतः यह अति आनन्द का विषय है कि शैवागम के दुर्लभ ग्रंथ 'विज्ञान भैरव' का हिन्दी-व्याख्या के साथ प्रकाशन किया गया है।सूचना: हमें उम्मीद है, कि आपको श्री राम परिवार की यह पोस्ट पसंद आई होगी। आप इस पोस्ट को आगे share करके हमे सहयोग जरूर प्रदान करे। आपका बहुत आभार ।।
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