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श्री दुर्गा सप्तशती पुस्तक Shri Durga saptshti Book free pdf download

सनातन का महाग्रंथ श्री दुर्गा सप्तशती. (Shree Ram Pariwar)


दुर्गा सप्तशती एक हिंदू धार्मिक ग्रंथ है जिसमें राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की जीत का वर्णन है। इसे देवी महात्म्य और चंडी पाठ के नाम से भी जाना जाता है। 


दुर्गा सप्तशती ऋषि मार्कण्डेय द्वारा लिखित मार्कण्डेय पुराण का हिस्सा है। इसमें 13 अध्यायों में व्यवस्थित 700 श्लोक हैं। यह पाठ देवी-भागवत पुराण, महाभागवत और देवी उपनिषद के साथ शक्तिवाद में सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है। 

दुर्गा सप्तशती देवी माँ का एक गौरवशाली गीत है। यह उस ब्रह्मांड की प्रकृति की व्याख्या करता है जिसमें हम रहते हैं। ये छंद देवी की महानता और अपने बच्चों के प्रति उनकी करुणा, धार्मिकता की रक्षा और उदारता के साथ-साथ मोक्ष प्रदान करने की उनकी प्रकृति का आह्वान करते हैं। 

मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए दुर्गा सप्तशती पाठ का पाठ करना एक महत्वपूर्ण उपाय है।


देवीमाहात्म्यम् (अर्थ: देवी का महानता का बखान) हिन्दुओं का एक धार्मिक ग्रन्थ है जिसमें देवी दुर्गा की महिषासुर नामक राक्षस के ऊपर विजय का वर्णन है। यह मार्कण्डेय पुराण का अंश है। इसमें ७०० श्लोक होने के कारण इसे 'दुर्गा सप्तशती' भी कहते हैं। इसमें सृष्टि की प्रतीकात्मक व्याख्या की गई है। जगत की सम्पूर्ण शक्तियों के दो रूप माने गये है - संचित और क्रियात्मक। नवरात्रि के दिनों में इसका पाठ किया जाता है।


इस रचना का विशेष संदेश है कि विकास-विरोधी दुष्ट अतिवादी शक्तियों को सारे सभ्य लोगों की सम्मिलित शक्ति "सर्वदेवशरीजम" ही परास्त कर सकती है, जो राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। इस प्रकार आर्यशक्ति अजेय है। इसमे गमन (इसका भेदन) दुष्कर है। इसलिए यह 'दुर्गा' है।


यह महापुस्तक अथवा महाग्रंथ आपको बिल्कुल मुफ्त में उपलब्धि करवाया जा रहा है। आप इसे पढ़ कर माता की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। जीवन की सभी प्रकार की परेशानियों से निजात पा सकते हैं। माता की सप्तशती का पाठ करने से माता हमेशा आपका भला करती है, और आपके जीवन में जो भी परेशानी आ रही है उन सभी से निजात दिलवाती है।


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