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वास्तु दोष निवारण पुस्तक. Vastu dosh nivaaran book Pdf


नमस्कार मित्रों,
 इस पोस्ट में हमने सभी सदस्यों को वास्तु दोष निवारण से संबंधित पुस्तक उपलब्ध करवाई है। अगर आपके घर में कोई भी परेशानी आ रही है, घर में माहौल खराब होता जा रहा है, बीमारी बहुत ज्यादा समय से घर में चल रही है, हार्दिक स्थिति करके अच्छी नहीं हो रही, घर के सदस्यों की उन्नति नहीं हो रही तो एक बार जरूर आप इस पुस्तक को प्राप्त करके पढ़िएगा कहीं आपके घर में भी वास्तु दोष न हो और अगर आपके घर में वास्तु दोष है तो इस पुस्तक को पढ़कर इसमें बताए गए सरल उपाय को करके आप उसे वास्तु दोष का निवारण कर सकते हो आपके घर में कोई भी तोड़फोड़ करने की आवश्यकता नहीं होगी।
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वास्तु दोष घर में सभी कार्यों को लगातार बाधित करते रहते हैं। व्यक्ति का भाग्य साथ नहीं देता है, इन सभी समस्याओं के निदान के लिए यह जान लेना बहुत जरूरी है कि वास्तु दोषों के लक्षण क्या होते हैं और इनसे छुटकारा कैसे पाया जा सकता है।

वास्तु दोष को अधिकतर उत्तर भारत में अधिक मान्यता दी जाती है। वास्तु शास्त्र के जनक कहे जाने वाले विश्वकर्मा ने वास्तु दोषों के लक्षण और उसके निवारण के बारे में अच्छी तरह से वर्णन किया है। ऐसी मान्यता है कि सभी तरह की पौराणिक और प्राचीन रचनाएं विश्वकर्मा द्वारा बनाई गईं हैं। 

वास्तु दोष के लक्षण ( Vastu Dosh ke lakshan )
1. कभी भी ताज़ा महसूस न होना। 

2. धन का हमेशा अपव्यय होना। 

3. बार-बार गलत लोगों से पाला पड़ना। 

4. अपने कम्फर्ट जोन से बाहर न आ पाना। 

5. हमेशा किसी न किसी बीमारी से घिरे रहना। 

6. किसी भी नए कार्य में अड़चनें पैदा होना। 

7. परिवार में हमेशा चिंतामय माहौल। 

8. योजना या कार्यों में तरक्की न मिलना। 

वास्तु दोष को कैसे दूर करें? ( Vastu Dosh ko kaise door kare? )
वास्तु दोषों को दूर करना बहुत जरूरी है क्योंकि यह कई बार किसी भी काम को सफल नहीं होने देता है। बुरी परिस्थितियों से उबरने के लिए, सफलता प्राप्त करने के लिए, घर में हंसी-ख़ुशी का माहौल बनाये रखने के लिए, हर सदस्य की तरक्की के लिए वास्तु दोषों का निवारण किया जाना बहुत जरुरी है। 

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आइये जानते हैं वास्तु दोषों को दूर करने के सरल उपाय :
कपूर का प्रयोग :

वास्तु दोषों से छुटकारा पाने के लिए कपूर एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इसलिए घर के हर कोने में कपूर की एक टिकिया रखनी चाहिए। इसी के साथ रोजाना प्रातःकाल और संध्या के समय कपूर को घी में भिगोकर जलाना चाहिए। ऐसा करने से घर में सकरात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। रात्रि के दौरान रसोईं में सब काम खत्म होने के बाद एक छोटी कटोरी में लौंग और कपूर जलाना शुभ माना जाता है।  

पाठ करने से दूर होंगी चिंताएं :

घर में मौजूद वास्तु दोषों के निवारण के लिए संभव हो तो रोज़ या फिर हफ्ते में एक बाद रामचरितमानस और सुंदरकांड का पाठ अवश्य करें। इससे नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।

स्वस्तिक चिन्ह का प्रयोग :

स्वस्तिक का चिन्ह शुभता का प्रतीक है, घर में मुख्य द्वार पर स्वस्तिक लगाने से बुरी शक्तियां दूर रहती हैं।

पौधें दूर करेंगे संकट :

घर में पौधे लगाने से घर पवित्र होता है और सकारात्मक ऊर्जा वातावरण में विस्तारित होती है।  

किचन में ये चीजें रखें :

यदि आपकी रसोई सही दिशा में नहीं बनी है और वह वास्तु दोष का कारण है तो उससे निपटने के लिए किचन स्टैंड की ईशान कोण दिशा में गणेश जी की तस्वीर लगाएं। ऐसा करना बहुत शुभ माना जाता है।  

अन्य ध्यान रखने योग्य बातें :

1. घर में संध्या के समय पानी के बर्तन के पास एक दीपक जलाएं।

2. घर के सभी दरवाज़े अंदर की ओर खुलने चाहिए। दरवाज़ों का बाहर की ओर खुलना अच्छा नहीं माना जाता।  

3. हर वर्ष नवग्रह शांति पाठ करने से दोषों का निवारण होता है

यहां पर हमने आपको कुछ सामान्य उपाय प्रदान किए हैं। लेकिन पुस्तक के अंदर बहुत सारे उपाय आपके लिए बताए गए हैं बहुत ही सरल तरीके से बताए गए हैं। इसलिए पुस्तक को अगर आप प्राप्त करना चाहते हैं तो प्राप्त कीजिए बिल्कुल निशुल्क है और अगर हमारे द्वारा प्रदान किया गया पुस्तक आपको अच्छा लगता है हमारा कार्य आपको अच्छा लगता है तो इस पोस्ट को जरूर शेयर कीजिएगा।

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