नमस्कार मित्रों, इस पोस्ट में हम आपको महान ऋषि पराशर के द्वारा लिखित पराशर संहिता उपलब्ध करवा रहे हैं। इसके बारे में सारी जानकारी नीचे प्रदान की गई है आप कृपया ध्यान से पढ़िएगा। श्री हनुमान जी धर्म्प्राण भारतवर्ष के आबाल वृध्द देवता हैं | हम सभी इनको स्वामिभक्ति के प्रतीक के रूप में जानते है | हम इनके विषय में जो भी जानते है उसका स्तोत्र है रामायण | यह महाकाव्य़ आदिकवि वाल्मीक के व्दारा रचा गया है | और इसी रामायण को आधार बनाकर बाद के समय में अनेक भाषाओं में इसका रुपान्तरण किया गया है | इस महाकाव्य में रघुकुल के राजा एवं दशरथ के पुत्र श्रीराम का जीवनवृत्त का वर्णन दिया हुआ है | किन्त भारतवर्ष में अधिकतर लोगों को इस रामभक्त हनुमान के अन्य आयामों के विषय में जानकारी ही नहीं है | भगवान हनुमान के जीवन के आयाम अनन्त है | वे त्रेता में श्रीराम के साथ थे | व्दापर में भी थे | और इस कलि में भी है | और आगे भी रहेंगे | और आने वाले कल्प में वही ब्रह्मा अर्थात सृष्टिकर्ता होंगे | इस तरह अनन्त आयामों से युक्त हनुमान जी के अनेक आयामों का वर्णन महर्षि पराशर की ‘पराशसंहिता’ में उपलब्ध है| पराशसंहिता महर...
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