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10 महाविद्या साधना पुस्तक PDF

तंत्र की महाशक्तियां 10 महाविद्या Book Pdf.(Shree Ram Pariwar)


नमस्कार मित्रों
इस पोस्ट मे आप सभी को 10 महाविद्या के मंत्र था उनके लाभ और साथ ही 10 महाविद्या की पुस्तक pdf प्रदान कर रहे है। इसलिए आप इस पूरी पोस्ट को ध्यान से पढ़े जिससे आपको सारी जानकारी प्राप्त हो सके।

देखिए मित्रों 10 महाविद्या की पूजा गुप्त रूप से गुप्त नवरात्रों में की जाती (Das Mahavidya Beej Mantra) हैं। तभी इन्हें गुप्त नवरात्र की संज्ञा दी गयी हैं। महाविद्याओं की पूजा मुख्य रूप से तांत्रिक विद्या व शक्तियां अर्जित करने के उद्देश्य से की जाती हैं तो वही सामान्य भक्तगण माँ के गुणों को धारण करने के लिए उनकी पूजा करते (Dus Mahavidya Mantra) हैं।

इसलिए आज हम आपको दस महाविद्या बीज मंत्र व उनसे मिलने वाले लाभ के बारे में (10 Mahavidya Mantra In Hindi) बताएँगे ताकि आप मातारानी के महाविद्या रूप का महत्व जान सके।
दस महाविद्या बीज मंत्र व उसके लाभ (Das Mahavidya Mantra)

1. काली मंत्र (Kali Mantra)


ॐ क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिका क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं स्वाहा।।

काली बीज मंत्र लाभ (Kali Beej Mantra Ke Labh)


    शत्रुओं व दुष्टों का नाश होना
    स्वयं में परिवर्तन आना
    मन से बुरी प्रवत्तियों का निकलना
    अभय का प्राप्त होना
    समय की महत्ता होना इत्यादि।

2. तारा मंत्र (Tara Mantra)


ॐ ह्रीं स्त्रीं हुं फट्।।

तारा बीज मंत्र लाभ (Tara Beej Mantra Ke Labh)


    मातृत्व भाव का जागृत होना
    संकटों को दूर करना
    आर्थिक क्षेत्र में उन्नति
    मोक्ष प्राप्ति इत्यादि।

3. त्रिपुर सुंदरी या षोडशी मंत्र (Shodashi Mantra)


ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः।।

त्रिपुर सुंदरी बीज मंत्र लाभ (Shodashi Beej Mantra Ke Labh)


    सुंदर रूप की प्राप्ति होना
    वैवाहिक जीवन का सुखमय रहना
    जीवनसाथी की तलाश पूरी होना
    मन का नियंत्रण में रहना
    आत्मिक शांति का अनुभव करना इत्यादि।


4. भुवनेश्वरी मंत्र (Bhuvaneshwari Mantra)


ॐ ह्नीं भुवनेश्वरीयै ह्नीं नम:।।

भुवनेश्वरी बीज मंत्र लाभ (Bhuvaneshwari Beej Mantra Ke Labh)


    संतान प्राप्ति की कामना का पूरी होना
    आत्मिक ज्ञान की प्राप्ति होना
    शरीर में ऊर्जा का अनुभव करना
    कार्य करने की शक्ति प्राप्त होना इत्यादि।

5. भैरवी मंत्र (Tripur Bhairavi Mantra)


ॐ ह्रीं भैरवी कलौं ह्रीं स्वाहा।।

भैरवी बीज मंत्र लाभ (Tripura Bhairavi Beej Mantra Ke Labh)


    बुरी आत्माओं, प्रवत्तियों व शक्तियों के प्रभाव से मुक्ति मिलना
    अभय का मिलना व डर का समाप्त होना
    वैवाहिक व प्रेम जीवन का सुखमय रहना
    शत्रुओं से मुक्ति इत्यादि।


6. छिन्नमस्ता मंत्र (Chinnamasta Mantra)


ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्र वैरोचनीयै हूं हूं फट् स्वाहा।।

छिन्नमस्ता बीज मंत्र लाभ (Chinnmasta Beej Mantra Ke Labh)


    शत्रुओं का समूल नाश
    भय का दूर होना
    विपत्तियों का समाप्त होना इत्यादि।

7. धूमावती मंत्र (Dhumavati Mantra)


ऊँ धूं धूं धूमावती देव्यै स्वाहा:।।

धूमावती बीज मंत्र लाभ (Dhumavati Beej Mantra Ke Labh)


    संकटों का हरण होना
    नकारात्मक गुणों का समाप्त होना
    किसी प्रकार की कमी का दूर होना
    भूख का शांत होना इत्यादि।

8. बगलामुखी मंत्र (Baglamukhi Mantra)


ॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै ह्लीं ॐ नमः

बगलामुखी बीज मंत्र लाभ (Baglamukhi Beej Mantra Ke Labh)


    शत्रुओं का समूल नाश व उन पर लगाम लगाना
    दुष्टों को अपंग बनाना
    विपत्ति का हल करना
    आगे का मार्ग प्रशस्त करना इत्यादि।


9. मातंगी मंत्र (Matangi Mantra)


ॐ ह्रीं क्लीं हूं मातंग्यै फट् स्वाहा।।

मातंगी बीज मंत्र लाभ (Matangi Beej Mantra Ke Labh)


    बुद्धि व विद्या का विकास होना
    कला व संगीत के क्षेत्र में उन्नति
    वाणी पर नियंत्रण व मधुर बनना
    जादू टोना या माया के प्रभाव से मुक्ति इत्यादि।


10. कमला मंत्र (Kamla Mantra)


ॐ ह्रीं अष्ट महालक्ष्म्यै नमः।।

कमला बीज मंत्र लाभ (Kamala Beej Mantra Ke Labh)


    आर्थिक स्थिति में सुधार होना
    व्यापार व नौकरी में उन्नति का होना
    सभी इच्छाओं की पूर्ति होना
    सुख व वैभव में वृद्धि होना इत्यादि।

मातारानी के 10 रूपों क्रमशः काली, तारा, षोडशी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी व कमला के बारे में विस्तार से जानने के लिए नीचे pdf पुस्तक प्रदान की गई है आप उसे ले सकते हैं। 

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