पितृ दोष क्यों लगता है क्या इसके उपाय है।केसे पहचाने कुण्डली में पितृ दोष (Pitru Paksha or Pitru dosh)

Pitru Paksha 2022 lakshan and Upay: पितृ पक्ष पूर्वजों का आदर सत्कार करने का समय होता है। मान्यता है साल में 15 दिन पितर धरती लोक पर आते हैं और परिजनों द्वारा किए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध से तृप्त होते हैं। श्राद्ध पक्ष को पितर दोष से मुक्ति पाने का खास अवसर माना जाता है. पितरों के आशीर्वाद से परिवार और घर फलता-फूलता है लेकिन अगर पूर्वज नाराज हो जाए तो कई पीढ़ियों तक पितृ दोष का दंश झेलना पड़ता है। आइए जानते हैं किन गलतियों से लगता है पितृ दोष, पितृ दोष के लक्ष्ण और पितृ दोष शांति के उपाय।
पितृ दोष क्यों लगता है ? (Pitra Dosh reason)

मृत्यु के बाद अगर विधि विधान से अंतिम संस्कार की प्रक्रिया न की जाए तो ऐसे में पितृ दोष लगता है.

अकाल मृत्यु हो जाने पर परिवार के लोगों को कई पीढ़ियों तक पितृ दोष दंश का सामना करना पड़ता है. ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष को अशुभ और दुर्भाग्य का कारक माना जाता है. अकाल मृत्यु होने पर पितर शांति पूजा करना जरूरी माना जाता है.

माता पिता का अनादर, मृत्यु के बाद परिजनों का पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध न करने पर पूरे परिवार पर पितृ दोष लगता है.

पितरों का अपमान करना, किसी असहाय की हत्या, पीपल, नीम और बरगद के पेड़ कटवाना, जाने-अनजाने नाग की हत्या करना या करवाना पितृ दोष का कारण बनते हैं.


कैसे पहचाने घर में पितृ दोष है ? (Pitra dosh Symptoms)



पितृ दोष होने पर वैवाहिक जीवन में सदा तनाव बना रहता है. पति-पत्नी के बीच आए दिन झगड़े होते हैं.

परिवार में एकता नहीं होती. अक्सर घर में क्लेश होते है, मानसिक शांति नहीं मिलती, बिना बात के घर में लड़ाई होना पितृ दोष के लक्ष्ण हैं.

पितृ दोष होने पर विवाह में बाधाएं उत्पन्न होती है. शादी में तमाम तरह की परेशानियां आती है. कई बार तो शादी पक्की होने पर टूट जाती है. मांगलिक कार्य में रुकावट आती है. शादी के बाद तलाक या अलगाव भी पितृ दोष का कारण है.

वंश वृद्धि न होना भी पितृ दोष का कारण है. ऐसे लाख जतन के बाद भी शादी के कई सालों तक संतान सुख नहीं मिल पाता. अगर संतान सुख मिल भी जाए तो बच्चा विकलांग या पैदा होते ही उसकी मृत्यु हो जाती है.

पितृ दोष होने पर घर में बीमारियों का डेरा होता है. परिवार के सदस्य हमेशा अस्वस्थ रहते हैं. ऐसे में बार-बार दुर्घटना का शिकार भी होते हैं.

नौकरी और बिजनेस में अक्सर घाटा होना. कार्यस्थल पर आर्थिक के साथ मानसिक परेशानियां झेलनी पड़ती है. नौकरी में तरक्की रुक जाती है

                  कुंडली में पित्र दोष 
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1. हर काम में रुकावट आना 
 ऐसी मान्यता है कि यदि आप जो भी कार्य कर रहे हैं, उसमें रुकावट आ रही है और कोई भी कार्य संपन्न नहीं होता है तो इसे पितरों के नाराज होने या पितृदोष का लक्षण माना जाता है।
2. गृहकलह रहना 
 घर में थोड़ी-बहुत खटपट तो चलती रहती है लेकिन यदि रोज ही गृहकलह हो रही है तो यह समझा जाता है कि पितृ आपसे नाराज हैं।
3. संतान में बाधा 
 ऐसी मान्यता है कि पितृ नाराज रहते हैं तो संतान पैदा होने में बाधा आती है। यदि संतान हुई है तो वह आपकी घोर विरोधी रहेगी। आप हमेशा उससे दु:खी रहेंगे।
4. विवाह बाधा 
 ऐसी मान्यता है कि पितरों के नाराज रहने के कारण घर की किसी संतान का विवाह नहीं होता है और यदि हो भी जाए तो वैवाहिक जीवन अस्थिर रहता है।
5. आकस्मिक नुकसान 
 ऐसी मान्यता है कि यदि पितृ नाराज हैं तो आप जीवन में किसी आकस्मिक नुकसान या दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। आपका रुपया जेलखाने या दवाखाने में ही बर्बाद हो जाता है।
6- धन हानि 

पितृ दोष होने से घर में धन हानि होती हैं और धन के स्थिर व प्रचुर आय के स्त्रोत नही बन पाते । घर में धन की समस्या बनी रहती हैं । घर में बरकत की कमी रहती हैं ।

7- प्रेत बाधा

पितृ दोष के कारण घर के प्रेत बाधा की समस्या लोगो को होती हैं । मानसिक व शारीरिक रूप से पीड़ित रहते है । घर में बीमारी चलती रहती हैं और बीमारी का जड़ से निदान नहीं हो पाता । बीमारी का पता नही चल पाता है ।

8- शत्रुता होना

पितृ दोष होने से अकारण लड़ाई झगड़े होते है और अकारण शत्रु बनते हैं । लोग बिन वजह दुश्मनी रखते हैं ।

9- नवीन पीढ़ियों की भाग्य व ग्रह हानि

पितृ दोष होने पर जन्म लेने वाले बच्चों की कुंडली में तमाम ग्रह दोष जन्म लेते है । जिससे उन्हें जीवन में बहुत जगहों पर संघर्ष व अभाव का सामना करना पड़ता हैं ।

10 अकाल मृत्यु होना

पितृ दोष जब गहन या प्रचंड रूप लेता है तो परिवार में अकाल मृत्यु होती हैं । लोगो के साथ आकस्मिक दुर्घटनाएं होती हैं । परेशानी की वजह पकड़ नही आती ।
पितृदोष से मुक्ति के उपाय

शाम के समय पीपल के वृक्ष पर दीप जलाएं और नाग स्तोत्र, महामृत्युंजय मंत्र या रुद्र सूक्त या पितृ स्तोत्र व नवग्रह स्तोत्र का पाठ करें. इससे भी पितृ दोष की शांति होती है.

प्रतिदिन इष्ट देवता व कुल देवता की पूजा करें. ऐसा करने से भी पितृदोष का शमन होता है।
विष्णु भगवान के मंत्र जाप, श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करें.इससे पित्तरों को शांति मिलती है और दोष में कमी आती है. 

पितृदोष निवारण के लिए महामृत्युंजय के मंत्र से शिवजी का अभिषेक करें.

घर की दक्षिण दिशा की दीवार पर अपने स्वर्गीय परिजनों का फोटो लगाकर उस पर हार चढ़ाकर रोजाना उनकी पूजा करें . ऐसा करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है।

🌹🌹श्री राम परिवार 🌹🌹
नियमित रूप से रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करना करें. हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

अपने स्वर्गीय परिजनों की निर्वाण तिथि पर जरूरतमंदों अथवा ब्राह्मणों को भोजन कराए। भोजन में स्वर्गीय परिजनों की पसंद का बनाएं।

प्रतिदिन पितृ कवच का पाठ करें। ऐसा करने से पितृदोष की शांति होती है। 

अपनी सामर्थ्यानुसार गरीबों को वस्त्र और अन्न आदि दान करें. ऐसा करने से भी यह दोष मिटता है।

पीपल के वृक्ष पर दोपहर में जल, पुष्प, अक्षत, दूध, गंगाजल, काले तिल चढ़ाएं और स्वर्गीय परिजनों का स्मरण कर उनसे आशीर्वाद मांगें.।

पितरों के नाम से फलदार, छायादार वृक्ष लगवाएं. इससे भी दोष कम होता है।
🌹🌹श्री राम परिवार 🌹🌹
पितृपक्ष में पिंडदान जरूर करें। एक बार गयाजी जाकर पिंडदान जरूर करना चाहिए। पितरों को प्रसन्न करने के लिए किसी जरूरमंद को भोजन, कपड़े, जूते-चप्पल, पैसे आदि चीजों का दान करें। इससे पितर काफी ज्यादा प्रसन्न रहते हैं।

घर में पितरों की हसंती -मुस्कुराती तस्वीर लगाएं। लेकिन इस बात का ध्यान जरूर रहे कि पितरों की तस्वीर घर की दक्षिण-पश्चिम दीवार या कोने में लगानी चाहिए। पितृ पक्ष में श्राद्ध और तर्पण जरूर करें। इससे पितरों का खास आशीर्वाद मिलता है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

ये कुछ उपाय है जिनके द्वारा पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
आप पितृ पक्ष में पितृ सूक्त का पाठ भी कर सकते है।

पितरों की तांत्रिक मुक्ति के उपाय के लिए सर्वप्रथम आपको श्रीमद भागवत महापुराण का आयोजन अवश्य करना चाहिए। क्योंकि शास्त्रों के अनुसार श्रीमद भागवत महापुराण का पाठ अति उत्तम बताया गया है। या फिर आप सवा लाख गायत्री मंत्रों का जाप भी किसी योग्य विद्वान से करा सकते हैं। इसके साथ ही आपको गया जी में अपने पितरों का पिंड दान करना चाहिए। क्योंकि गया जी में पिंड दान करने से पितरों को मुक्ति अवश्य प्राप्त हो जाती है। प्रतिदन घर में गीता का पाठ करें। ऐसा करने से भी आपको आपकी सभी परेशानियों से मुक्ति प्राप्त होगी।

🌹🌹श्री राम परिवार 🌹🌹:
पितृपक्ष में पिंडदान जरूर करें। एक बार गयाजी जाकर पिंडदान जरूर करना चाहिए। पितरों को प्रसन्न करने के लिए किसी जरूरमंद को भोजन, कपड़े, जूते-चप्पल, पैसे आदि चीजों का दान करें। इससे पितर काफी ज्यादा प्रसन्न रहते हैं।

घर में पितरों की हसंती -मुस्कुराती तस्वीर लगाएं। लेकिन इस बात का ध्यान जरूर रहे कि पितरों की तस्वीर घर की दक्षिण-पश्चिम दीवार या कोने में लगानी चाहिए। पितृ पक्ष में श्राद्ध और तर्पण जरूर करें। इससे पितरों का खास आशीर्वाद मिलता है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

ये कुछ उपाय है जिनके द्वारा पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

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पितरों को तांत्रिक बाधा से मुक्त करने की विधि 

पितृ पक्ष के दिन एक तेल का दीपक दक्षिण पूर्व दिशा में लगा दें, पूरी पर खीर और हलवा थोड़ी मात्रा में रख दे और एक पानी वाला नारियल छील कर अपने पास रख लें और फिर

 'पितृ परम पर्वता विराजे, हम जोड़ खड़े सकारे, होम धूप की होय अग्यारी,पितरदेव दरबार तुम्हारी, पितर मानवे हार द्वार में बरकतबरषे, बार- बार मैं अपने गोत्र के पितरमनाऊँ,सातो सातहि सिर ही झुकाऊँ,जो न माने मेरी बात नरसिंह को झुकाऊं माथ वीर नरसिंह दहाड़ता आवे मूंछे- पूंछ कोप हिलावे हन- हन हुम करें हुंकार प्रेत- पितर पीड़ा फटकार कोड़ा मारे श्री हनुमान सिद्ध होय सब पूरन काज दुहाई दुहाई राजा रामचंदर महाराज की'
 मंत्र का जाप करें।
 उसके बाद नारियल को फोड़ दें और सारी सामग्री रात भर वहीं पर पड़ी रहने दें, दूसरे दिन पूड़ी को छत पर डाल दे और नारियल को बहते हुए पानी में बहा दें। यह प्रयोग आपको लगातार पितृ पक्ष से शुरू करने के बाद लगातार 14 दिनों तक करना है। यानी आपको यह कार्य पूरे पितृ पक्ष में करना है। ऐसा करने से आपके पितर तांत्रिक बाधा से मुक्त हो जाएंग और आपको शुभ फल देंगे साथ ही आपकी सहायता भी करेंगे। अमावस्या के दिन मिट्टी के कलश पर यह तांत्रिक बाधा मुक्ति कवच बांध दें और मंगलवार की शाम को हल्दी,गूगल, लोबान और पीली सरसों से पूरे घर में धूनी दें।  
इससे पितरों का अगर तांत्रिक बंधन किया गया है तो उसे मुक्ति मिल जाएगी।
 
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