नमस्कार मित्रों
आप सभी का हमारे श्री राम परिवार में हार्दिक स्वागत है। यंत्रों का महत्व आखिरकार क्या होता है वह किस तरीके से काम करते हैं। इसके बारे मैं आपको इस पोस्ट में जानकारी प्रदान करूंगा इस पोस्ट को आप पूरा पढिएगा।
यंत्र क्या होते हैं
अब देखिए सामान्य भाषा में जो मशीन होती है जो कुछ कल-पल पुर्जो द्वारा बनाई जाती है यानि कि जो भी संयोजित कलपुर्जों के द्वारा चीज बन जाती है उसे मशीन खा जाता वहीं यंत्र होता है, सामान्य भाषा में । लेकिन देखिए हमारे पूजा-पाठ में जो यंत्रं काम में लेते हैं जो हमारी साधना में काम आते हैं वह कोई मशीन नहीं होते ठीक है अब उसके लिए जो परिभाषा से वह थोडी सी अलग रूप ले लेती है उसके लिए परिभाषा क्या है कि " किसी भी विशेष चीज को विशिष्ट कार्य को संपन्न करने के लिए बनाया जाता और उसके जो चलाने जो वृद्धि होती है वह भी विशेष होती है अर्थात् कोई भी चीज जो कि विशेष कार्य करने के लिए बनाई गई और इसको विशेष तरीके से चलाया जाता है उसे यंत्र कहां जाता है" आप इसे सर्वमान परिभाषा कह सकते हैं जो कि आपको हर क्षेत्र में मिलेगी। जो यंत्र का निर्माण करते हैं जैसे हैं हम हनुमान जी के यंत्र का निर्माण, कार्य या माता सरस्वती यंत्र का निर्माण करें उन सभी को एक विशेष तरीके से मनाया जाता है। उनके लिए विशेष चीजे चाहिए होती है। उनकी कलम भी हमको विशेष तरीके से बनानी होती है किसी में अनार की कलम का यूज होता है तो किसी में और कलम का यूज करना पड़ता है, हर चीज अलग अलग होती है। हर यंत्र के लिए एक निश्चित विधी होती है यानि कि उस चीज को एक विशेष विधि से बनाया जाता है और यहां पर हमारी यह परिभाषा भी काम करती है। तो इन चीजों को जो है विशेष तरीके से बनाया जाता है इसलिए यंत्र जो है वह चीज है जो कि विशेष कार्यों को संपन्न करने के लिए बनाए जाते हैं।
अब देखिए जो मशीनें होती है उसे आप काम करता हुआ देख सकते हैं। उनके पुर्जे आपको काम करते हुए दिखते हैं लेकिन जो यंत्र होते हैं वह आपको काम करते हुए कैसे दिखते हैं कभी देखा है। यंत्र आपको काम करते हुए नहीं दिखते यहां पर आपको एक बहुत बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है, वह यंत्र काम कर रहा है या नहीं कर यह हमें कैसे पता चलता है, उसका असर होता है वह वातावरण में अपने आप महसूस होने लगता है क्योंकि यह जो यंत्र होते हैं यह उर्जा से चलते हैं। इनमें जो होता है उर्जा का आदान-प्रदान होता हैं और उससे अलग अलग तरीके की उर्जाए निकलती हैं। उनमें ऊर्जा के माध्यम से इनका जो कार्य हैं वो संपन्न होता है।
अब देखिए यह नहीं कि आपने यंत्र बना दिया वह काम करना शुरू कर देगा देखिए कोई भी चीज हम बनाते हैं तो उसे चलाने के लिए तो इसे चलाने के लिए आप पेट्रोल-डीजल दोगे या फिर करो विद्युत से चलने वाली मशीन है तो आप उसे चलाने के लिए विद्युत का उपयोग करोगे उसी तरीके से जब हम एक यंत्र बनाते हैं तो उसे चलाने के लिए हम मंत्रों का प्रयोग करते हैं और मंत्रों के द्वारा जो ऊर्जा उत्पन्न होती है वहीं यंत्र में समाहित होती है उसे यंत्रों का प्रयोग करता है। आप यह भी कह सकते हो कि मंत्रों के द्वारा जो ऊर्जा उत्पन्न होती है उसे एक निश्चित तरीके से कार्य कराने के लिए हमें यंत्र की आवश्यकता होती है। यंत्र और मंत्र एक दूसरे के पूरक हैं अगर आपको मंत्रों का ज्ञान है लेकिन यंत्रों का ज्ञान नहीं है तो आप एक अच्छे नहीं बन सकते तंत्र क्षेत्र में ज्यादा आगे नहीं जा सकते अगर आपको तंत्र क्षेत्र में आगे तक जाना है तो आपको यंत्रों का ज्ञान होना चाहिए।
अब देखिए हम सब लोग यंत्रों को काम करता नहीं देख सकते, लेकिन जो उच्च कोटि के होते हैं वह लोग देख सकते हैं क्योंकि वह उर्जा को देख पाने में सक्षम होते हैं, लेकिन आपको ऐसे लोग बहुत कम देखने को मिलते हैं। वैज्ञानिकों ने शोध किया और उन्हें बहुत सारे परिणाम देखने को मिले हैं और यंत्रों की जो सार्थकता है उसे वैज्ञानिकों ने भी स्वीकारा है तो इससे यही पता चलता है कि यंत्र जो होते हैं हमारी जो टेक्नोलॉजी यह हमारी आधुनिकता का एक बहुत बड़ा परिचय है। यह दर्शाता है कि जो हमारा धर्म है हमारा हिंदू धर्म में वह आज के जो टेक्नोलॉजी है उससे भी बहुत ही ज्यादा आधुनिक उसे भी बहुत ही ज्यादा आगे निकला हुआ है क्योंकि मशीनों को कल-पुर्जों की जरूरत होती है लेकिन हमारी यंत्रों को इस तरह की कोई भी चीज की जरूरत नहीं होती है। कुछ यंत्र ऐसे होते हैं जिनको विशेष शक्तियों के लिए बनाया जाता है और उन्हें यंत्रों के द्वारा आप जो है विशेष शक्तियों की कृपा प्राप्त कर सकते हैं उनके द्वारा अपने कार्य को भी संपन्न कर सकते हैं। लेकिन कुछ यंत्र तो ऐसे हैं जिनके द्वारा आप जो है चमत्कारी शक्तियां भी प्राप्त कर सकते हैं लेकिन ऐसे यंत्र या तो बहुत ही बड़े साधु के पास होते हैं जो हर किसी को नहीं बताते या फिर ऐसे यंत्र कुछ तो उपलब्ध नहीं है और कुछ को सिद्ध करने की विधि जो है हमारे पास उपलब्ध नहीं है देखिए इस प्रकार के होते हैं अब किसी भी विशिष्ट यंत्र के द्वारा उसके देवता से आप जो है उसकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
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