सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

मंत्र महोदधी चौमुख्या प्रकाशन free pdf

 

 
इस पोस्ट में हम आप सभी को मंत्र महोदधी नामक पुस्तक बिल्कुल फ्री में उपलब्ध करवा रहे हैं। मंत्रों का सागर कहीं जाने बाली की पुस्तक बहुत ज्यादा प्रचलित है। इस पुस्तक से संबंधित जानकारी हम आपको इस पोस्ट में उपलब्ध करवाएंगे। और यह पुस्तक भी आपको पीडीएफ फॉर्मेट में उपलब्ध करा दी जाएगी।


इस पुस्तक के लेखक महीने भट्ट है। इन्होंने 1645 विक्रम संवत में इस पुस्तक का निर्माण किया था और इस पुस्तक में आपको बहुत सारे ऐसे मंत्र देखने को मिल जाएंगे , जो कि आपको कहीं भी देखने को नहीं मिलेंगे। यह पुस्तक मंत्र और साधना ओं का एक अद्भुत संग्रह है।

इस पुस्तक में आपको पूजा पाठ से संबंधित सभी विधान मिलेंगे और भगवान गणपति के सभी स्वरूपों के मंत्र और साधना की जानकारी मिलेगी और सभी 10 महाविद्याओं के बारे में विस्तार से जानकारी मिलेगी। 10 महाविद्या साधना से संबंधित सभी मंत्र विधान , कर न्यास न्यास और पंच चरण की विधि आदि सभी चीजें विस्तार से मिल जाएगी। महीधर भट्ट भगवान लक्ष्मीनारायण के परम भक्त थे इसलिए उन्होंने पुस्तक के प्रारंभ और अंत में उनकी वंदना भी है। ये पुस्तक मंत्र शास्त्र का एक अद्भुत ग्रंथ माना जाता है आप इसे पढ़िए और आप स्वयं जब इसका अनुभव करेंगे तो यह भी आपको बहुत ही शानदार पुस्तक लगेगी। पुस्तक की विषय सूची उपलब्ध करवा दी गई है आप देख सकते हैं - 
Password - 6666
पुस्तक से संबंधित सभी जानकारी आपको उपलब्ध करवा दी गई है अगर फिर भी आपको कोई परेशानी हो तो आप नीचे कमेंट कर दीजिएगा। हमने आपको नीचे पुस्तक उपलब्ध करवा दी हैं। हमारे पास मंत्र महोदधि पुस्तक दो प्रकाशनों की उपलब्धि और दोनों प्रकाशन की पुस्तकें जो है हम आपको उपलब्ध करवा रहे हैं।
 

मंत्र महोदधि प्राच्य प्रकाशन - Download
मंत्र महोदधी चौमुख्या प्रकाशन - Download
 
आप हमसे हमारे फेसबुक ग्रुप और टेलीग्राम ग्रुप में जुड़ सकते हैं। और हमारे ब्लॉग से जुड़ कर भी हमें सहयोग प्रदान कर सकते हो।
फेसबुक ग्रुप - https://www.facebook.com/groups/715119132723959 
 
टेलीग्राम ग्रप - https://t.me/Shreerampariwar 
 
 
अगर आपको हमारा कार्य अच्छा लग रहा है तो हमें सहयोग प्रदान करें और जो भी वीडियो देखे उसे कृपा करके पूरा देखें। अगर अभी तक आपने हमारे चैनल को सब्सक्राइब नहीं किया तो कृपया करके सब्सक्राइब करें। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। 🌹🏵️ जय मां भवानी 🏵️🌹

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

शिव स्वरोदय पुस्तक PDF बिल्कुल फ्री

नमस्कार मित्रों इस पोस्ट में हम आप सभी को शिव स्वरोदय नामक पुस्तक उपलब्ध करवा रहे हैं। यह पुस्तक माता पार्वती और भगवान शिव के संवाद के रूप में आपको देखने को मिलेगी।इसके अंदर भगवान शिव ने माता पार्वती को स्वरोदय के बारे में बताया है उसके महत्व के बारे में भगवान ने बताया है। शिव स्वरोदय पुस्तक में आपको स्वर से संबंधित बहुत जानकारी देखने को मिलेगी स्वर से संबंधित सारी जानकारी हमने आपको एक अन्य पोस्ट में उपलब्ध करवा रखी।  Also Read शिव स्वरोदय क्या हैं। शिव स्वरोदय पुस्तक में आपको स्वर से संबंधित सभी प्रकार की चीजें, सभी प्रकार के रोगों का निदान और बहुत से तांत्रिक प्रयोग भी देखने को मिलेंगे बहुत से ऐसे प्रयोग देखने को मिलेंगे जिनको आप स्वरोदय के माध्यम से दूर कर सकते हैं। स्वरोदय पुस्तक बहुत ही बड़ा आधुनिक विज्ञान है जो कि आपको आज हम इस पोस्ट में उपलब्ध करवा रहे है। 🙏‍ देखिए इस तरीके के बहुत से ग्रंथ हैं जो कि आज के आधुनिक विज्ञान से भी बहुत ज्यादा आधुनिक है उन ग्रंथों में आपको ऐसे ऐसी जानकारी देखने को मिलेगी जो कि आज के वैज्ञ...

सचित्र आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों की पुस्तक || ayurvedic Jadi buti book pdf

आयुर्वेद शब्द का अर्थ क्या है? आयुर्वेद ( = आयुः + वेद ; शाब्दिक अर्थ : 'आयु का वेद' या 'दीर्घायु का विज्ञान' एक मुख्य और सबसे श्रेष्ठ चिकित्सा प्रणाली है जिसकी जड़ें भारतीय उपमहाद्वीप में हैं। भारत, नेपाल और श्रीलंका में आयुर्वेद का अत्यधिक प्रचलन है, जहाँ लगभग 70 प्रतिशत जनसंख्या इसका उपयोग करती है। आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। आयुर्वेद, भारतीय आयुर्विज्ञान है। आयुर्विज्ञान, विज्ञान की वह शाखा है जिसका सम्बन्ध मानव शरीर को निरोग रखने, रोग हो जाने पर रोग से मुक्त करने अथवा उसका शमन करने तथा आयु बढ़ाने से है। आयुर्वेद के अंग धन्वन्तरि आयुर्वेद के देवता हैं। वे विष्णु के अवतार माने जाते हैं। हिताहितं सुखं दुःखमायुस्तस्य हिताहितम्। मानं च तच्च यत्रोक्तमायुर्वेदः स उच्यते॥  आयुर्वेद के ग्रन्थ तीन शारीरिक दोषों (त्रिदोष = वात, पित्त, कफ) के असंतुलन को रोग का कारण मानते हैं और समदोष की स्थिति को आरोग्य।  आयुर्वेद को त्रिस्कन्ध (तीन कन्धों वाला) अथवा त्रिसूत्र भी कहा जाता है, ये तीन स्कन्ध अथवा त्रिसूत्र हैं - हेतु , लिंग , औषध।  इसी प्रकार स...

शाबर मंत्र सागर भाग-२ पुस्तक PDF Download

    दो शब्द बनुश्रुति हैं कि कलिकाल के पारम्भ में भूतभावन भगवान शंकर ने प्राचीन ' मंत्र, तंत्र, शास्त्र के सभी मंत्रों तथा तंत्रो को रस दृष्टि से कील दिया कि कलियुग के अविचारी मनुष्य उनका दुरुपयोग न करने लगें ।  महामंत्र गायत्री भी विभिन्न ऋषियों द्वारा शाप ग्रस्त हुआ तथा उसके लिए भी उत्कीलन की विधि स्वीकृत की गयी। अन्य मंत्रों तथा तंत्रो के लिए भी उत्कीलन की विधियाँ निर्धारित की गई हैं । जब तक उन विधियों का प्रयोग नहीं किया जाता, तब तक कोई भी मंत्र प्रभावकारी नहीं होता । शास्त्रीय-मन्त्रों की उप्कीलन विधियों का वर्णन मन्त्र शास्त्रीय ग्रन्थों में पाया जाता हैं उनका ज्ञान संस्कृत भाषा के जानकार हो प्राप्त कर पातेते हैं।  शास्त्रीय-मन्त्रों के कीलित हो जाने पर लोक-हिर्तयी सिद्ध-पुरुषों ने जन-कल्याणा्थ समय-समय पर लोक-भाषा के मंत्रों की रचना की । इन मन्त्रों को ही "शाबर मंत्र" कहा जाता हैं । "शाबर मंत्र तंत्र लोक भाषाओं में पाये जाते हैं और उनकी साधन तथा प्रयोग विधि भी अपेक्षाकृत अधिक सरल होती हैं, साथ ही प्रभाव में भी प्राचीन शास्त्रीय मन्त्रों से स्पर्धा...