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माता मदानन की महिमा। Mata Madanan ki mahima

।।जय मां भवानी।।

आप सभी का हमारे श्री राम परिवार में हार्दिक स्वागत है।
आजम यहां पर माता मदानन की महिमा आपको बताने जा रहे हैं। 
माता मदानन को बहुत से नामों से जाना जाता है। जो लोग नहीं जानते मैं उन्हें बता दूं कि माता शीतला ही माता मदानन है माता शीतला का ही तामसिक रूप माता मदानन है माता शीतला सात्विक रूप हैं और माता मदानन तामसिक स्वरूप है। 
माता मदानन को बहुत से नामों से जाना जाता है जैसे कि माता मदानन को माता मसानी , माता चौगानन , माता दुधनी , माता चौराहे , माता मदानन और माता शीतला , और भी माता के बहुत से नाम है जो कि यहां पर बताना संभव नहीं है।
माता शीतला का मंदिर गुड़गांव में स्थित है और इसकी कहानी बहुत ही प्राचीन समय महाभारत से जोड़ी जाती है कहा जाता है कि इसी स्थान पर गुरु द्रोणाचार्य की पत्नी उनकी वीरगति पानी के पश्चात इस स्थान पर सती हो गई थी। पर पर इसी स्थान पर माता शीतला का मंदिर बना।
माता शीतला को चौराहे की शक्ति भगवान श्री कृष्ण ने प्रदान की थी।भगवान श्री कृष्ण जो कि कौरव और पांडव दोनों के ही प्रिय थे वह जब भी गुड़गांव आते थे , तो माता शीतला उनकी बहुत ही आदर सत्कार और सेवा करती थी,लेकिन भगवान कब किस रास्ते से आ रहे हैं यह उन्हें पता नहीं हो पाता था और इसी कारण में भगवान के प्रथम दर्शन से वंचित रह जाती थी। जब उन्होंने इस समस्या का निवारण भगवान से करने को कहा तो भगवान ने उन्हें चौराहे की शक्ति प्रदान की अर्थात भगवान जब भी गुड़गांव के किसी भी चौराहे को पार करते थे तो माता शीतला को पता चल जाता था कि भगवान ने अब किस चौराहे को पार किया है और वह किस तरफ से आ रहे हैं इस तरीके से माता शीतला को चौराहे की शक्ति प्राप्त हुई और वह चौराहे वाली माता की कहलाने लगी।
माता मदानन माता शीतला का तामसिक स्वरूप है।
माता शीतला जो कि एक साथ सात्विक रूप है और वह कभी किसी भी गंदी जगह पर नहीं जा सकती ‍‍, इसीलिए माता नहीं अपना तामसिक स्वरूप बनाया जो कि किसी भी जगह पर जा सकता था और अपने भक्तों की मदद कर सकता था , इसलिए माता मदानन गंदी से गंदी जगह पर भी जा सकती हैं और अपने भक्तों की मदद कर पाती हैं।
माता मदानन को 52 भी कहा जाता है। क्योंकि यह कई प्रकार के रूप बनाने में समझते हैं एक पल में यह माता मसानी बन जाती है तो दूसरे ही पल में माता शीतला तीसरे ही पल में यह माता काली का रूप भी धारण कर लेती है तो सोते ही पल में यह माता चौगानन बन जाती है इस तरीके से माता माता बहुत से रूप बना सकती हैं माता मदानन जो है वह सभी देवियों की रानी कही जाती है और जितने भी हमारे भारत में जितनी भी पिशाचिनी यह उन सब में सबसे ऊपर आती हैं। यह सब की रानी है।
इसलिए माता माता ना किसी भी देवी का भोग ले कर सकती है लेकिन माता मदन का भोग और कोई देवी ले नहीं कर सकती।
माता मदानन हमेशा से ही अपने भक्तों के लिए बहुत ही दयावान है लेकिन अगर उनके भक्तों से कोई शत्रुता रखता है तो उनके लिए बहुत ही खतरनाक भी हैं।

माता मदानन को प्रसन्न करने की और साधना विधि हम दूसरी पोस्ट में आपको प्रदान कर देंगे अगर आपको हमारी यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो कमेंट करके बताएं और हमें फॉलो जरूर करें।

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