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Har Vrat Ke Niyam Ek Book Mein | Vrat Rules Full Guide in Hindi

सभी व्रतों के सही नियम और विधि: क्यों ज़रूरी है एक पुस्तक से पूरा मार्गदर्शन? भूमिका: क्यों आवश्यक हैं व्रत के शास्त्रीय नियम? हिंदू धर्म में व्रत रखना न केवल धार्मिक परंपरा है, बल्कि आत्मशुद्धि, संयम और आत्मसंयम का भी अभ्यास है। व्रत से संबंधित शास्त्रीय नियमों और विधियों का पालन करने से ही व्रत का संपूर्ण फल मिलता है। अगर व्रत के दौरान कोई नियम छूट जाए या विधि अधूरी रह जाए तो साधक को अपेक्षित पुण्य और मानसिक शांति नहीं मिलती। व्रत के सही नियम क्यों हैं ज़रूरी? संपूर्ण लाभ: सही विधि से किया गया व्रत मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक लाभ देता है। पुण्य की प्राप्ति: अनियमित या अधूरे व्रत से व्रती को फल नहीं मिलता। सकारात्मक जीवन: नियमपूर्वक उपवास व्यक्ति के व्यवहार, दिनचर्या और सोच को बेहतर बनाता है। व्रत के कुछ प्रमुख नियम और सावधानियाँ व्रत का संकल्प विधिवत और शुभ मुहूर्त में करें। दिनभरशुद्धता, संयम, क्षमा, दया, सत्य का पालन करें। तली-भुनी वस्तुएं, मद्य, मांस, अन्न-जल आदि का संयमपूर्वक त्याग करें। पूजा विधि, मंत्र, कथा व पाठ का स्मरण आवश्यक है। दिन में सोना, असत्य बोलना, चोरी, छल-कपट से ...