भैरव साधना: तंत्र, भक्ति और आध्यात्मिक सफलता का मार्ग भैरव साधना का महत्व हिन्दू धर्म में अत्यंत विशिष्ट है। यह साधना केवल तांत्रिकों और अघोरियों के लिए ही नहीं, बल्कि साधारण शिव भक्तों और गृहस्थों के लिए भी उतनी ही प्रभावशाली है। Bhairav Sadhana का मुख्य उद्देश्य साधक को भौतिक और आध्यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए मार्ग प्रदान करना है। भगवान भैरव, जिन्हें Shiva Avatar Bhairav के रूप में जाना जाता है, तंत्र साधना और भक्ति का एक अद्वितीय मिश्रण प्रस्तुत करते हैं। भैरव देव: शिव के रुद्रावतार भगवान भैरव को शिव का रुद्रावतार कहा गया है। यह देवता न केवल तांत्रिकों के प्रिय हैं, बल्कि Lord Bhairav Worship शिव भक्तों के लिए भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। भैरव देव को शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवताओं में गिना जाता है। शास्त्रों में वर्णित है कि भैरव साधना में अधिक बाहरी आडंबर या शारीरिक स्वच्छता का महत्व नहीं है। भैरव का स्वरूप ओघड़ है, और उनकी साधना में सच्ची भक्ति और समर्पण सबसे महत्वपूर्ण पहलू हैं। उनका वाहन कुत्ता है, और श्मशान को उनका निवास स्थान माना जाता है। भैरव देव के चार हाथों में खप्पर...
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